उत्तराखंड

बागेश्वर विधानसभा सीट पर 26 अक्तूबर से पहले उपचुनाव

Admin Delhi 1
13 May 2023 11:29 AM GMT
बागेश्वर विधानसभा सीट पर 26 अक्तूबर से पहले उपचुनाव
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नैनीताल न्यूज़: कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के रिक्त हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव के लिए भाजपा - कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है.

इस सीट को रिक्त घोषित करते हुए निर्वाचन कार्यालय, भारत निर्वाचन आयोग से उपचुनाव को लेकर सिफारिश कर चुकी है. आयोग यहां छह माह के भीतर उपचुनाव संपन्न कराएगा. यहां 26 अक्तूबर से पूर्व उपचुनाव होना है. इस बीच, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने भी बागेश्वर जिला निर्वाचन अधिकारी से बजट के साथ ही अन्य संसाधनों की उपलब्धता बताने को कहा है.

चुनाव आयोग ने अभी उपचुनाव का कार्यक्रम:

जारी नहीं किया है, इसलिए प्रत्याशी चयन

की प्रक्रिया शुरू नहीं की है, लेकिन संगठन स्तर से

तैयारियां चल रही हैं. पार्टी इस संदर्भ में उचित समय

पर निर्णय लेगी. -महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

कांग्रेस उपचुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है.

कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर प्रत्याशियों

का पैनल जल्द हाईकमान को भेजा जाएगा. कांग्रेस प्रदेश सरकार की नाकामियों को उजागर करके उपचुनाव में जीत दर्ज करेगी. -करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष

भाजपा खेल सकती है सहानुभूति कार्ड:

बागेश्वर सीट के उपचुनाव में भाजपा दिवंगत चंदन राम दास के परिजनों को मैदान में उतार सकती है. इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, उपचुनाव में सहानुभूति फैक्टर को देखते हुए राम दास के परिजनों में से ही किसी को टिकट देने पर विचार चल रहा है. उनकी पत्नी पार्वती देवी के साथ बेटों गौरव-भास्कर में से किसे टिकट दिया जाए, इस पर मंथन चल रहा है. कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम व प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने बागेश्वर जाकर राम दास के परिजनों से भेंट कर सांत्वना दी थी. सूत्रों ने बताया कि इस दौरान टिकट को लेकर भी चर्चा हुई. बागेश्वर में जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दीपा आर्या भी भाजपा का बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में पार्टी उनके नाम पर भी विचार कर सकती है.

कांग्रेस पर दास के साथ टम्टा का विकल्प:

बागेश्वर सीट पर वर्ष 2022 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने रणजीत दास को टिकट दिया था, जो त्रिकोणीय मुकाबले में चंदन राम दास से 12,141 मतों से हार गए थे. तब आम आदमी पार्टी के बसंत कुमार ने 16 हजार से अधिक मत जुटाकर कांग्रेस को जीत से दूर कर दिया था. इस बार, पार्टी यहां दास के साथ ही पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा के नाम पर भी गंभीरता से विचार कर रही है. प्रदीप टम्टा हालांकि पूर्व में अल्मोड़ा जिले में सोमेश्वर से विधायक रह चुके हैं, लेकिन उनका मूल गांव भी बागेश्वर विधानसभा में ही आता है. इसके चलते टम्टा कांग्रेस के पास एक विकल्प के तौर पर उपलब्ध हैं. कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के लिए पैनल बनाने की तैयारी कर शुरू कर दी है. उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ चुकी

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