उत्तराखंड

उत्तराखंड में एमबीबीएस के लिए बॉन्ड की व्यवस्था खत्म होगी

Admin Delhi 1
30 May 2023 11:50 AM GMT
उत्तराखंड में एमबीबीएस के लिए बॉन्ड की व्यवस्था खत्म होगी
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देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में बॉन्ड व्यवस्था खत्म होगी. पीजी में तीन साल का बॉन्ड होगा. उल्लंघन करने पर दो करोड़ रुपये जमा करने होंगे. दो साल मेडिकल कॉलेज और एक साल जिला अस्पतालों में पीजी डॉक्टर सेवा देंगे.

दून अस्पताल में क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट पर आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सर्जन की 50 प्रतिशत कमी है. सर्जन का अलग कैडर और नियमावली बना रहे हैं. आईसीयू, क्रिटिकल केयर में टेक्निकल स्टाफ की कमी है, स्पोर्टिंग स्टाफ के लिए प्रयास कर रहे हैं. 2900 नर्सों की भर्ती कर रहे हैं. वार्ड ब्वॉय की दिक्कत को लेकर प्राचार्यों से कहा है कि कहां कितने स्टाफ की जरूरत है, इसकी जानकारी दें.

उन्होंने कहा कि पहाड़ की भौगोलिक स्थिति ठीक नहीं है, 180 मरीज एयर लिफ्ट कराने पर बचे, अब तक चारधाम यात्रा में 60 हजार लोगों का इलाज कर चुके हैं. सभी मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस एमडी के छात्र पांच परिवारों को गोद लेकर उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखेंगे. यह सिस्टम उनकी पहल पर देशभर में लागू होने जा रहा है. एमबीबीएस के ई ग्रंथालय देने वाले हैं. इससे 25 लाख किताबें अपने मोबाइल में रख सकेंगे. मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नौ क्रिटिकल केयर यूनिट लगा रहे हैं. एक यूनिट पर 20 करोड़ का खर्चा होगा. 2025 तक हर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में यूनिटें बन जाएंगी. इस मौके पर निदेशक और प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना ने उनका स्वागत किया.

अभी तक यह थी व्यवस्था

चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि एमबीबीएस डॉक्टर अब प्रदेश में सरप्लस होने वाले हैं. डॉ. जेवी गोगोई, डॉ. संजय गौड़, डॉ. रंगीन सिंह रैना, डॉ. अनिल द्विवेदी, डॉ. सुनील जोशी, अमित दुमका की कमेटी बनाई थी. जिसने राय दी कि बॉन्ड व्यवस्था की जरूरत नहीं है. अभी तक अल्मोड़ा और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड ऑप्शनल है. बॉन्ड पर 50 हजार फीस देकर पांच साल का बॉन्ड बनता है. वैसे भी अब फीस केवल डेढ़ लाख हो गई है. कमेटी की सिफारिश पर सरकार इसे पूर्ण रूप से खत्म करने जा रही है.

जल्द बनेंगे उप प्राचार्य

मंत्री ने अस्पताल में घूमकर मरीजों से वार्ता की. उन्होंने भीड़ देखकर कहा कि यहां और अफसरों की जरूरत है. साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. कहा कि हर मेडिकल कॉलेज में जल्द उप प्राचार्य बनाए जायेंगे.

सबसे बड़ा चैलेंज फैकल्टी का

मंत्री ने कहा कि हर राज्य में सबसे बड़ा चैलेंज फैकल्टी का है. 171 में से 80 ने ज्वाइन कर लिया. 32 तलाश में हैं कि मंत्री जी ‘नीचे’ उतार लें तो ज्वाइन कर लेंगे. 62 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं 115 एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती कर रहे हैं, 58 प्रोफेसर की नियुक्ति हो रही है. 88 फीसदी फैकल्टी हो जायेगी. अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और श्रीनगर में 50 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन वेतन देंगे. दो साल में 650 डॉक्टर तैयार हो रहे हैं.

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