उत्तराखंड

इंदिरा सरकार में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ बीजेपी प्रदेशभर में मना रही काला दिवस, कांग्रेस ने किया पलटवार

Gulabi Jagat
25 Jun 2022 10:14 AM GMT
इंदिरा सरकार में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ बीजेपी प्रदेशभर में मना रही काला दिवस, कांग्रेस ने किया पलटवार
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उत्तराखंड न्यूज
देहरादून/मसूरी: 25 जून 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था. जिस फैसले को गलत निर्णय बताते हुए भाजपाइयों ने आज काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड में बीजेपी कार्यकर्ता आपातकाल को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं.
वही, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भाजपा द्वारा मनाये जा रहे काला दिवस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा भाजपा को अंधेरे में काम करने की आदत है. इसलिए भाजपा आज काला दिवस मना रही है. भाजपा शासनकाल से बड़ा आपातकाल इससे पहले देश में कभी नहीं रहा. इसलिए बीजेपी को काला दिवस मनाना ही चाहिए.
करण माहरा ने कहा इंदिरा गांधी एक बहादुर महिला थी, जिन्होंने देश के उस समय के हालातों को देखते हुए घोषित आपातकाल लगाया. यह सब इंदिरा गांधी ने छुपकर नहीं किय, लेकिन इस समय देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है. क्योंकि कई सरकारें धन बल के आधार पर तोड़ी जा रही हैं. इसका जीता जागता उदाहरण महाराष्ट्र और असम है.
करण माहरा का कहना है कि गौरी लंकेश और जज लोहिया के साथ क्या हुआ. यह सबको पता है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों को सामने आकर सरकार के खिलाफ बयान देने को मजबूर होना पड़ा. भाजपा शासनकाल में जिस तरह विपक्ष के नेताओं को ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके डराया और धमकाया जा रहा है. उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, यह सब अघोषित आपातकाल ही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा इस समय देश के भीतर 25 जून 1975 में लगाए गए आपातकाल से भी बुरी स्थितियां हैं. क्योंकि उस समय आपातकाल के दौरान किसी लीडर को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ा था.
वहीं, मसूरी में भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गांधी चौक पर एकत्रित हुए और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लागू किए जाने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाथों में काली पट्टी बांधकर कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाए.
भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने आपातकाल के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने कहा किस तरह इमरजेंसी के दौरान लोगों पर अत्याचार किए गए. लोकतंत्र के चार स्तंभ चाहे वो न्यायपालिका हो फिर मीडिया हो सभी का दमन किया गया था. इमरजेंसी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही कांग्रेस को घेरने का काम कर रही है.
आपात काल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना है. इमरजेंसी में चुनाव स्थगित हो गए और सभी नागरिकों के अधिकारों को भी समाप्त कर दिया गया था. 21 महीने के बाद आपातकाल को समाप्त किया गया था.
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