उत्तराखंड

बीजेपी प्रत्याशी शैलारानी रावत ने अपनी हार के लिए पार्टी के ही नेताओं को ठहराया जिम्मेदार

Shantanu Roy
19 Nov 2021 8:56 AM GMT
बीजेपी प्रत्याशी शैलारानी रावत ने अपनी हार के लिए पार्टी के ही नेताओं को ठहराया जिम्मेदार
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2017 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई पूर्व विधायक शैलारानी रावत अपनी ही पार्टी (बीजेपी) के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया है. इसी को लेकर रुद्रप्रयाग में उन्होंने प्रेस वार्ता की.

जनता से रिश्ता। 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई पूर्व विधायक शैलारानी रावत अपनी ही पार्टी (बीजेपी) के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया है. इसी को लेकर रुद्रप्रयाग में उन्होंने प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान उनका दर्द छलका उठा. शैलारानी रावत ने हार के लिए अपनों को जिम्मेदार ठहाराया. उन्होंने कहा कि उनकी नैया अपनों ने ही डुबोई. कांग्रेस को छोड़कर वह भाजपा में शामिल हुई और भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही उन्हें हार का मुंह दिखा दिया. जिस कारण कांग्रेस को जीत हासिल हुई. ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ पार्टी को अभी से निर्णय लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

जिला मुख्यालय के तिलणी स्थित मोनाल होटल में आयोजित पत्रकार मिलन संगोष्ठी में पूर्व विधायक का दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा भारी बहुमत से जीत हासिल करने में सफल रही. जबकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नौ विधायकों में सिर्फ दो विधायक ही चुनाव हारे. इनकी हार का कारण भाजपा कार्यकर्ता रहे. भाजपा कार्यकर्ताओं के बगावती तेवरों ने उन्हें हार का रास्ता दिखा दिया. अगर यदि पूर्व विधायक आशा नौटियाल पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ती तो ऐसी स्थिति सामने नहीं आती. इसके साथ ही चुनाव के समय तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों ने भी पार्टी का दामन छोड़ दिया. ऐसे में उनकी हार हुई और कांग्रेस प्रत्याशी को इसका सीधा फायदा मिल गया.
उन्होंने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और वे भी दावेदारी पेश कर रही हैं. पार्टी हाईकमान को अभी से मंथन करने की जरूरत है कि जो कार्यकर्ता बगावती तेवर अपनायेंगे, उन्हें पहले से ही सख्त किया जाए. उन्होंने कहा कि पार्टी जिस भी कार्यकर्ता को टिकट देगी, कार्यकर्ताओं को उस प्रत्याशी के लिए जीजान से जुटना होगा. तभी भाजपा की जीत हो पाएगी. पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी का जो आदेश होगा, उसे स्वीकार करना होगा. पार्टी में अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए.
शैलारानी रावत ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा का विकास रसातल पर चला गया है. जिसका दर्द उन्हें सता रहा है. वे जब तक राजनीति में रहेंगी, तब तक जनता की सेवा करेंगी. कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर लौटी पूर्व विधायक ने कहा कि जब वह केदारनाथ विधानसभा से विधायक थी, उस दौरान क्षेत्र की जनता में काफी उत्साह था. हर वर्ग का विकास होने के साथ ही क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों की आधारशिला रखी गई. मगर इन साढ़े चार सालों में क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए हैं. जनता त्राहिमाम जैसी स्थिति में जीवन यापन करने को मजबूर है. उनके मन में क्षेत्र के लिए जो भाव हैं, उन भाव को लेकर वे जनता के बीच जा रही है. जनता का समर्थन इस बार उनके साथ है. जनता समझ चुकी है कि अब उन्हें क्या करना है.
पूर्व विधायक ने कहा कि दीपावली के समय केदारनाथ पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब यह पता चला कि जिस केदारनाथ को वे संवार रहे हैं, उस विधानसभा से ही उनका विधायक नहीं है. इसका दर्द भी पीएम मोदी की आंखों में देखा गया. केदारनाथ विधानसभा से कांग्रेस विधायक विपक्ष में होने का रोना रो रहे हैं. क्षेत्र में सड़क, पेयजल, मोटरपुल, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर जनता परेशान है. उनके कार्यकाल में जो कार्य प्रस्तावित थे, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आज भी समस्याएं जस की तस हैं.
कोरोना काल में लोगों का रोजगार छिन गया और रोजगार को लेकर लोगों को बाहरी शहरों की ओर पलायन करना पड़ा. ऐसे में जरूरी है कि क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर तलाश कर लोगों को रोजगार दिया जाए. उन्होंने कहा कि वे जिस मकसद से भाजपा में आई हैं, उन सभी कार्यों को पूरा करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है.
केदारनाथ धाम का हो रहा विकास : पत्रकार मिलन समारोह में पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से केदारनाथ धाम का चहुमुखी विकास हो रहा है. लेकिन केदारनाथ विधानसभा में रोजगार को लेकर कोई कार्य नहीं हुआ है. कोरोना काल में लोग बेरोजगार हुए हैं, जिससे उनके सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है. अब ऐसे में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की जरूरत है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है और क्षेत्र के लोगों को रोजगार से जोड़ने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केदारघाटी के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी समस्याएं फैली हुई है. इन समस्याओं का समाधान किया जाना जरूरी है. वर्तमान केदारनाथ विधायक का ध्यान सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने में है, वे जनता के एक भी काम नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनके प्रति जनता में खासा आक्रोश बना हुआ है.
चोपता को मिली महाविद्यालय की सौगात: पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने चोपता में राजकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है. जल्द ही उनसे मिलने क्षेत्र का शिष्टमंडल जाएगा और इसी सत्र से महाविद्यालय निर्माण की मांग की जाएगी. महाविद्यालय निर्माण से क्षेत्र के गरीब छात्रों को काफी राहत मिलेगी. उन्हें श्रीनगर व अगस्त्यमुनि नहीं जाना पड़ेगा. इसके साथ ही त्रियुगीनारायण और मक्कूमठ में स्वास्थ्य केंद्र की घोषणा भी जल्द पूरी होने जा रही है.

मोदी पर रहा पूरा फोकस: पत्रकार मिलन संगोष्ठी में पूर्व विधायक का फोकस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रहा. उन्होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. जबकि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम के लिए एक लफ्ज नहीं कहा. उन्होंने कहा कि जनता को देश के पीएम से काफी उम्मीदें है और आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा भारी बहुमत से विजयी हासिल करेगी.


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