भारत

बड़ी खबर: अब हिमालयी राज्यों के प्राकृतिक जल स्रोतों का होगा संरक्षण

Admin Delhi 1
2 Jan 2023 2:35 PM GMT
बड़ी खबर: अब हिमालयी राज्यों के प्राकृतिक जल स्रोतों का होगा संरक्षण
x

अल्मोड़ा: हिमालयी राज्यों के प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण संस्थान ने कवायद शुरू कर दी है। संस्थान ने इस कार्य के तेरह हिमालयी राज्यों को चिह्नित किया है। पहले चरण में संस्थान ने इन प्राकृतिक स्रोतों की जियो टैगिंग का कार्य पूरा कर लिया है। अब इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। जीबी पंत पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल के अनुसार उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर समेत तेरह हिमालयी राज्यों में वर्ष 2019 में कराए गए एक सर्वे में पांच हजार नौ से जल स्रोत ऐसे पाए गए थे। जिनमें करीब पचास प्रतिशत पानी कम हो गया था। नौटियाल ने बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में स्थित ये प्राकृतिक जल स्रोत जीवनदायिनी हैं।

लेकिन, प्राकृतिक आपदा या जंगलों के अवैज्ञानिक दोहन होने से ये धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं। पहले चरण में वैज्ञानिक इन नौले धारों और जल स्रोतों के जलस्तर कम होने या सूखने के कारणों का पता लगाएंगे। उन्होंने बताया कि जमीन का धंसना, प्राकृतिक आपदा सहित इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनका पता लगाया जाएगा। नौटियाल ने बताया कि आम तौर पर प्राकृतिक जल स्रोत मानसून काल में अपने पूरे प्रवाह में बहने शुरू हो जाते हैं।

लेकिन, इसके बीतते ही इनमें पानी कम हो जाता है। पानी के उतार चढ़ाव का पता लगाने के लिए विलुप्त हो रहे नौले धारों पर मानसून काल व इसके बाद के समय में नजर रखी जाएगी। नौटियाल ने बताया कि प्राकृतिक नौले-धारों को पुनर्जीवित करने के लिए मुख्य तौर पर चाल खाल व इसके आसपास जंगल विकसित किए जाएंगे। जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। इन धारों को जलापूर्ति करने वाले भूमिगत जल स्रोतों का भी ट्रीटमेंट किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द इन प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित किया जा सके।

Next Story
© All Rights Reserved @ 2023 Janta Se Rishta