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नई दिल्ली/देहरादून, (आईएएनएस)। उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली पर कार्रवाई को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद यूकेएसएसएससी के तत्कालीन चेयरमैन और तत्कालीन सचिव सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उत्तराखंड एसटीएफ ने 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में शनिवार को यूकेएसएसएससी के पूर्व चेयरमैन डॉ रघुबीर सिंह रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को गिरफ्तार कर लिया है। यह भर्ती परीक्षा घोटाला प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है क्योंकि इस मामले की जांच लंबे समय से चल रही थी।
एसटीएफ की इस बड़ी कार्रवाई की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएं स्वच्छ और पारदर्शी हो। आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके।
आपको बता दें कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। यह परीक्षा उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में कुल मिलाकर 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी। इसमें कुल 87,196 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था और इसका परिणाम 30 मार्च 2016 को घोषित किया गया था। लेकिन इस परीक्षा में धांधली के विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वर्ष 2017 में एक जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या एवं उच्च न्यायालय के निदेशरें के आधार पर इस परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण इस परीक्षा परिणाम को निरस्त कर दिया गया।
वर्ष 2019 में कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के सचिव के निदेर्शानुसार जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को मिला। वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। 2020 से 2022 के दौरान इस मामले की जांच सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा ही की जाती रही।
लेकिन मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद इस घोटाले की जांच का जिम्मा कुछ महीने पहले अगस्त 2022 में एसटीएफ को सौंप दिया गया।
आपको बता दें कि, पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफएसएल भेजा गया था एवं इस जांच में ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग /फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए हैं। विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस के अहम साक्ष्य है। विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त मुकेश कुमार शर्मा, मुकेश कुमार और राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
पर्याप्त सबूतों के आधार पर ही एसटीएफ ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए यूकेएसएसएससी के तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन सचिव और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार कर लिया है।
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