हरिद्वार न्यूज़: उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से ग्रामीण के पांच लाख की रकम निकालने का ताना बाना संविदा बैंककर्मी ने ही बुना था. कनखल पुलिस ने घटना से पर्दा उठाते हुए संविदा बैंककर्मी, उसके दोस्त एवं खाताधारक बनकर बैंक शाखा पहुंचे शातिर को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों के कब्जे से करीब चार लाख की रकम भी बरामद कर ली गई है. एसएसपी अजय सिंह ने प्रकरण की गुत्थी सुलझाने पर पुलिस टीम का हौसला बढ़ाया है. एक मई को कनखल क्षेत्र के गांव जमालपुर कलां निवासी ग्रामीण रतन सिंह ने कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसके निकासी फार्म पर फर्जी हस्ताक्षर कर उत्तराखंड ग्रामीण बैंक शाखा में खाते से पांच लाख की रकम निकाल ली गई है. कनखल पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तब संविदा बैंककर्मी का भूमिका संदिग्ध पाई गई. कनखल पुलिस ने जब संविदा बैंककर्मी सन्नी कुमार पुत्र विशनदास निवासी डी-36 मायापुर डामकोठी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तब कहानी सामने आ गई. एसओ नितेश शर्मा ने बताया कि बैंककर्मी सन्नी कुमार ने अपने साथी मोहित शर्मा उर्फ मोनू पुत्र दिनेशचन्द्र शर्मा निवीस अशोक विहार राजागार्डन कनखल और रविंद्र पुत्र सल्लूराम निवासी ग्राम सरसावा थाना सरसावा जिला सहारनपुर यूपी के साथ मिलकर रकम निकाली थी. बताया कि बैंककर्मी सन्नी ने अपने दोस्त मोनू के साथ मिलकर ग्रामीण के बैंक खाते से रकम निकालने की योजना बनाई. जिसके बाद मोनू पेशे से दोपहिया वाहन मैकेनिक रविंद्र से संपर्क साधा, जिसकी शक्ल खाताधारक रतन सिंह से मिलती जुलती थी. 25 अप्रैल को मोनू ही रविंद्र को लेकर बैंक पहुंचा था. बैंक शाखा से रकम निकालने के बाद बैंककर्मी ने दो, उसके दोस्त ने दो लाख ले लिए थे जबकि मैकेनिक के हिस्से एक लाख की रकम आई थी. बताया कि सन्नी चतुर्थ श्रेणी कर्मी था लेकिन स्टॉफ की कमी के कारण बैंक के कामकाज में भी हाथ बंटाया करता था.
बैंक की दूसरी शाखा से लाई गई रकम
जिस दिन बैंक से रकम निकालने के लिए फर्जी खाताधारक रविंद्र पहुंचा था तब बैँक शाखा में उतनी रकम मौजूद नहीं थी. बैंक मैनेजर उस दिन अवकाश पर थे. दो महिला बैंककर्मी मौजूद थीं और तीसरा मास्टर माइंड सन्नी भी बैंक शाखा में ही था. महिला बैँककर्मी ने जब दो लाख की रकम ले जाने की बात रविंद्र से कही थी तब उसने हंगामा कर दिया था. सन्नी ने महिला बैंककर्मी को डरा दिया था कि इनकी रकम दे दी जाए. फिर सन्नी के साथ महिला कर्मी दूसरी शाखा से तीन लाख की रकम लेकर आई थी.
अनसुलझी गुत्थी को ऐसे सुलझाया
अनसुलझी गुत्थी को कनखल पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की बदौलत सुलझा लिया. दरअसल, मोनू जिस दिन रविंद्र को लेकर बैंक शाखा पहुंचा था. उस दिन की फुटेज सन्नी ने डिलीट कर दी थी. पर, जब सन्नी फुटेज डिलीट कर रहा था, तब उसे यह पता नहीं था कि उसकी यह हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रही है. कनखल पुलिस ने इसी फुटेज के आधार पर जब उससे पूछताछ की तब परत दर परत खुलासा होता चला गया.