उत्तराखंड

बाबा रामदेव को लगा बड़ा झटका, 5 दवाओं के प्रोडक्शन पर लगा बैन..पढ़िए नाम

Admin4
11 Nov 2022 2:28 PM GMT
बाबा रामदेव को लगा बड़ा झटका, 5 दवाओं के प्रोडक्शन पर लगा बैन..पढ़िए नाम
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हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी दिव्य फार्मेसी अब उत्तराखंड में अपनी पांच दवाओं का प्रोड्क्शन नहीं कर सकेगी। जिन दवाओं के प्रोडक्शन पर रोक लगी है, वो हाई कोलेस्ट्रोल, ग्लूकोमा, घेंघा, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के इलाज में इस्तेमाल होती थीं। अब उत्तराखंड के आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने दिव्य फार्मेसी की इन पांच दवाओं के उत्पादन पर रोक लगा दी है। दिव्य फार्मेसी को नोटिस भी भेजा गया है। हालांकि दिव्य फॉर्मेसी के प्रवक्ता का कहना है कि अभी उन्हें आदेश की कॉपी नहीं मिली है। उन्होंने पूरे मामले को ड्रग माफिया का षडयंत्र बताया। यहां आपको दवाओं के उत्पादन पर बैन लगने की वजह भी बताते हैं। दरअसल केरल के डॉ. केवी बाबू ने दिव्य फार्मेसी पर ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीज (आब्जेक्शनेबल एडवरटाइजमेंट) एक्ट, ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट और ड्रग्स एंड कास्मेटिक रूल्स के उल्लंघन का आरोप लगाया था। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयुर्वेद विभाग के औषधि नियंत्रक डॉ. जीएससी जंगपांगी की ओर से दिव्य फार्मेसी को नोटिस भेजा गया है। जिसमें दिव्य मधुग्रिट टैबलेट, दिव्य थायरोग्रिट टैबलेट, दिव्य आईग्रिट गोल्ड, दिव्य बीपी ग्रिट और दिव्य लिपिडाम टैबलेट का निर्माण बंद करने की बात लिखी है। आगे पढ़िए
ये भी कहा गया है कि इन दवाओं के भ्रामक/आपत्तिजनक विज्ञापनों को तत्काल मीडिया स्पेस से हटाया जाए और इन दवाओं की मूल फार्मूलेशन शीट निदेशालय में जमा करें। मामले को लेकर पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारेवाला ने मीडिया को जारी लिखित बयान में कहा कि इसमें आयुर्वेद विरोधी ड्रग माफियाओं की संलिप्तता दिख रही है। हम किसी भी तरह इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। ये भी कहा कि इस षड्यंत्र में सम्मिलित आयुर्वेद और यूनानी सेवा उत्तराखंड की ओर से विभागीय दायित्व को दरकिनार करके षड्यंत्रपूर्वक जिस पत्र को लिखकर नौ नवंबर 2022 को मीडिया में प्रायोजित ढंग से प्रसारित किया गया, उसको अभी तक पतंजलि संस्थान को किसी भी रूप में उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस आपराधिक कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ संस्था कानूनी कार्रवाई करेगी। वहीं दवाओं का प्रोडक्शन रोकने को लेकर आयुर्वेद विभाग के औषधि नियंत्रक डॉ. जीएससी जंगपांगी ने कहा कि इन दवाओं के फार्मूलेशन दोबारा चेक कराए जाएंगे। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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