संगम नगरी प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आया है. प्रयागराज के अटाला इलाके में हुई हिंसा मामले में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के जिला अध्यक्ष शाह आलम का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है. बताया जा रहा है कि शाह आलम के इशारे पर ही उपद्रवियों ने पथराव और हिंसा की घटना को अंजाम दिया है.
पिछले कई दिनों से उपद्रवी एमआईएम के जिला अध्यक्ष शाह आलम और एमआईएम के नेता जीशान रहमानी के संपर्क में थे. पता चला है कि एमआईएम के दोनों स्थानीय नेता उपद्रवियों को लगातार इस तरीके की घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसा रहे थे. सोशल मीडिया में लगातार ऐसे लोग सक्रिय थे. पुलिस ने फिलहाल एमआईएम के जिला अध्यक्ष शाह आलम और जीशान रहमानी को चिन्हित कर लिया है. खासकर शाह आलम की भूमिका को लेकर बेहद गंभीरता के साथ जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि देर रात तक शाह आलम के खिलाफ प्रयागराज पुलिस मुकदमा दर्ज भी कर लेगी.
शाह आलम की अगर बात करें तो वह एमआईएम पार्टी का जिला अध्यक्ष है और गुजरात के साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद का बेहद करीबी है. ऐसे में इस पूरी घटना के पीछे अतीक अहमद गिरोह के कनेक्शन को लेकर भी जांच की जाएगी. क्योंकि पिछले साल सीएए एनआरसी को लेकर प्रयागराज में हुए प्रदर्शन के दरमियान भी माफिया अतीक अहमद के लोगों की संलिप्तता सामने आई थी. ऐसे में इस घटना में भी अतीक अहमद के गिरोह से जुड़े लोगों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
वहीं, समाजवादी पार्टी के भी आधा दर्जन से अधिक नेताओं के नाम भी इस घटना के पीछे आ रहे हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के जिन नेताओं के नाम सामने आए हैं उसमें कई ऐसे नाम हैं, जो कभी माफिया अतीक अहमद के बेहद करीबी रहे हैं. हालांकि, मौजूदा समय में उनके अतीक अहमद से उनके किस तरीके के संबंध हैं, इसको लेकर पुलिस प्रशासन की टीम जांच पड़ताल में जुटी है. शुरुआती जांच पड़ताल में जिस तरीके से माफिया अतीक अहमद से जुड़े लोगों के नाम सामने आए हैं, ऐसे में इस घटना के पीछे अतीक अहमद गिरोह की भूमिका भी बेहद संदिग्ध मानी जा रही है. माना जा रहा है कि जब जांच का दायरा बढ़ेगा, तो इस पूरे प्रकरण में अतीक अहमद और उसका गिरोह भी जांच के दायरे में आएगा.