चमोली में हुए करंट हादसे में 16 लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी। लेकिन इसी बीच मौत के मुंह से बाहर निकले अपर उपनिरीक्षक रामेश्वर प्रसाद भट्ट ने प्लांट के अंदर हुए घटनाक्रम की जो कहानी बताई उसे पढ़कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
हादसे से पहले पंचनामा भर रहे अपर उपनिरीक्षक रामेश्वर प्रसाद भट्ट की आंखों में अभी तक वह खौफनाक मंजर घूम रहा है। उन्होंने बताया कि अचानक वहां धमाके के साथ चिंगारियां निकलने लगीं तो जान बचाने के लिए वह सीमेंट की नाली में कूद गए और सुरक्षित बच गए।
रामेश्वर प्रसाद भट्ट ने बताया कि वह प्लांट के अंदर शव का पंचनामा भर रहे थे। उन्होंने रिपोर्ट आधी ही बनाई थी, तभी धमाका हुआ और प्लांट की रेलिंग से चिंगारी निकलने लगीं। सीढ़ियों पर जो भी भा वह नीचे गिरने लगा। लोहे की ग्रिल पर लोग चिपक रहे थे।
मैंने किसी चीज को नहीं छुआ और सीमेंट की डीप में पैर रखा और प्लांट के पीछे बनी नाली में कूद गया, जिससे मैं सुरक्षित बच पाया। कहा कि उस समय का खौफनाक मंजर अभी भी जहन में है। हादसे के दौरान एक एलआईयू जवान भी प्लांट के अंदर था, वह भी प्लांट के पीछे कूद गया, जिससे वह भी सुरक्षित बच पाया।
बता दें कि अलकनंदा नदी के किनारे बने इस एसटीपी प्लांट को जाने वाला रास्ता वहां सेफ्टी वॉल (सुरक्षा दीवार) के ऊपर बना है। यह बमुश्किल चार फीट चौड़ा और 30 मीटर लंबा रास्ता है। इसके दोनों ओर लोहे की जाली की रेलिंग लगी है। इसके साथ ही लोहे के चार खंभों के सहारे प्लांट तक एक पाइप पहुंचाया गया है।