उत्तराखंड

साथ गिरफ्तार, बाबाओं के भेष में करते थे घरों की रेकी

Admin4
18 July 2022 12:04 PM GMT
साथ गिरफ्तार, बाबाओं के भेष में करते थे घरों की रेकी
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पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले वे सांप पकड़ने का काम करते थे, लेकिन यह धंधा बंद होने के बाद अपराध की दुनिया में उतर गए।

राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दहशत का पर्याय बन चुके फौजी गिरोह के सरगना को तीन साथियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पहले वे सांप पकड़ने का काम करते थे, लेकिन यह धंधा बंद होने के बाद अपराध की दुनिया में उतर गए। गिरोह ने 30 जून से नौ जुलाई तक बनियावाला में लूट, चोरियों के अलावा सेलाकुई, पटेलनगर, सहसपुर थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर दून पुलिस की नाक में दम कर दिया था।

गिरोह ने सेलाकुई थाना क्षेत्र में 30 जून को पहली घटना को अंजाम दिया था। यहां रिश्तेदारी में गए गीता राम उर्फ बबलू और पड़ोस के रामशरण के घर का ताला तोड़कर आरोपियों ने नकदी, गहने और अन्य सामान चोरी कर लिए थे। इसके बाद दो जुलाई को बनियावाला में सीमा देवी के घर में सदस्यों को बंधक बनाकर लूटपाट की। इसी दिन दो अन्य घरों में चोरी भी की। चार जुलाई को सहसपुर थाना क्षेत्र के साभावाला में बचना देवी के घर और नौ जुलाई को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के दून युधिष्ठिर पब्लिक स्कूल में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। महज नौ-दस दिन में एक के बाद एक लूट और चोरी की घटनाओं से दून पुलिस की नाक में दम कर दिया था। घटनास्थलों से मिले साक्ष्यों और लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद भी पुलिस को खास सफलता नहीं मिल पाई थी।

रविवार को पुलिस कार्यालय में घटनाओं का खुलासा करते हुए एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि इसी बीच पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि रुड़की और पथरी क्षेत्र में रहने वाले सपेरा जनजाति के लोगों का एक गिरोह इसी प्रकार की वारदात को अंजाम देता है। यह गिरोह देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में काफी सक्रिय है। इसके बाद एसओ सेलाकुई प्रदीप रावत के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने रुड़की और आसपास के क्षेत्रों में जानकारी जुटाई तो फौजी गिरोह के बारे में पता चला। इसके सरगना फौजीनाथ ने गोपीनाथ और अन्य साथियों के साथ देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। वे सभी अपने-अपने घरों से फरार थे।

इसके बाद थाना सेलाकुई और वसंत विहार पुलिस ने संयुक्त रूप से गिरोह के छिपने के संभावित स्थानों पर दबिश दी। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि फौजी गिरोह के आरोपी महेंद्र चौक से नीचे टी स्टेट में बने खंडहर में किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। पुलिस ने खंडहर में दबिश दी तो वहां चार व्यक्ति मिले। पूछताछ में उनकी पहचान फौजीनाथ उर्फ चिमटी, गोपीनाथ, गौरवनाथ और बुद्धि निवासी घोसीपुरा, सपेरा बस्ती, पथरी हरिद्वार के रूप में हुई। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से नकदी, जेवर और अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपियों बनियावाला में लूट सहित सेलाकुई, सहसपुर की चोरियों में अपना हाथ कबूला। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

बाबाओं के भेष और भिक्षावृत्ति के नाम पर करते हैं घरों की रेकी

पुलिस के मुताबिक, गिरोह से जुड़े आरोपी चोरी से पहले बाबा के भेष में शनिदान और भिक्षावृत्ति का काम करते हैं। इसी दौरान लोगों के घरों की रेकी करते हैं। अक्सर बस्तियों के बाहरी क्षेत्रों के घरों को चिह्नित करते हैं और फिर अपने घर चले जाते हैं। जिस दिन घटना करनी होती है, योजना के मुताबिक वे अपने घर से तीन-चार बजे तक आईएसबीटी पहुंचते हैं। वहां से टैंपो पकड़कर संबंधित क्षेत्र के आउटर एरिया तक जाते हैं। इसके बाद आसपास के जंगल में छिपकर रात का इंतजार करते हैं। रात करीब 12 से एक बजे के बीच बाहर निकलकर चिह्नित घरों में वारदात को अंजाम देते हैं और फिर जंगल में छिप जाते हैं। सुबह जब लोग सैर पर निकलते हैं, उनके साथ अलग-अलग आईएसबीटी पहुंचकर निकल जाते हैं।

नहीं करते मोबाइल का इस्तेमाल, इसलिए पकड़ना मुश्किल

फौजी गिरोह के आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसलिए पुलिस को उन्हें पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एसओ सेलाकुई प्रदीप रावत ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते। न ही सीसीटीवी कैमरे की रेंज में आते हैं। जिस क्षेत्र में उन्हें वारदात करनी होती है, वहां मुख्य बाजारों से दूर ऐसे सुनसान स्थान पर जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों, वहां उतरते हैं और जंगल में चले जाते हैं। इन सभी घटनाओं की जांच पुलिस को मैन्युअली करनी पड़ी। क्योंकि, सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस से पता नहीं चल पाया।

जंगल में फेंक देते हैं अपने साथ लाए हथियार

गिरोह के आरोपी अक्सर अपने पास पेचकश, प्लास आदि हथियार रखते हैं। इन्हें घटना के बाद जंगल में ही फेंक देते हैं ताकि उन पर कोई शक न करे। वारदात करते समय भी पेचकश पर कपड़ा बांधकर लोगों को बंदूक बताकर डराते हैं।

निंबस एकेडमी में हुई लूट में भी शामिल

आरोपियों ने जुलाई में हुई लूट और चोरी की घटनाओं के साथ ही जनवरी में प्रेमनगर स्थित निम्बस एकेडमी में कर्मचारी को बंधक बनाकर लाखों की लूट में भी अपना हाथ कबूला है। बताया कि इस घटना के बाद वे शांत हो गए थे। पुलिस के मुताबिक इनमें से फौजीनाथ वर्ष 2021 में रायवाला में हुई चोरी की घटना में वांछित है। आरोपी गौरव वर्ष 2021 में कोटद्वार थाने से चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।

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