उत्तराखंड

वन कर्मियों को वन्य जीवों व तस्करों से बचाने के लिए फॉरेस्ट किट देने की जा रही कवायद

Gulabi Jagat
29 July 2022 9:17 AM GMT
वन कर्मियों को वन्य जीवों व तस्करों से बचाने के लिए फॉरेस्ट किट देने की जा रही कवायद
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हल्द्वानी: उत्तराखंड वन विभाग अपने वन कर्मियों को फॉरेस्ट किट देने जा रहा है. यह किट वन्य जीवों के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हमले में घायल होने और मॉनसून सीजन में जंगलों में गश्त के दौरार वन तस्करों के हमले से सुरक्षा प्रदान करेंगे. हैवी मेटल से बनी यह किट इतनी मजबूत है कि इस पर किसी भी तरह के हमले का कोई असर नहीं होगा. इसके अलावा मेटल डिटेक्टर भी दिया जाएगा जो जंगल में तस्करों द्वारा वन्य जीवों को पकड़ने के लिए लगाए गए खतरनाक फंदों का पता लगाएगी.तराई पूर्वी वन प्रभाग में इन दिनों इस फॉरेस्ट किट और मेटल डिटेक्टर का ट्रायल किया जा रहा है. जो वन कर्मियों को उस दौरान महत्वपूर्ण तरीके से सुरक्षा प्रदान करेगा जब कर्मी घने जंगलों में तस्करों पर पैनी नजर रखने के लिए गश्त पर रहेंगे या रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देंगे. ये किट इतनी मजबूत है कि इस पर जंगली जानवरों के हमले का कोई असर नहीं पड़ेगा और ना डैमेज होगा.फॉरेस्ट किट करेगा जानवरों और तस्करों के हमले से वन कर्मियों का बचाव.किट के साथ एक हैवी मेटल डिटेक्टर का प्रयोग भी वनकर्मी गश्त के दौरान करेंगे, जो इस बात का पता लगाएगी कि जंगल में वन्य जीवों को मारने या फंसाने के लिए कोई लोहे से बने जाल या कांटा तो नहीं लगाया गया है. फिलहाल तराई पूर्वी वन प्रभाग में 2 किट मंगाई गयी है, जिनका ट्रायल जारी है.पेड़ काटने पर सोलर प्लांट संचालकों पर जुर्मानाः पौड़ी जिले की सतपुली तहसील के अंतर्गत गोर्ली गांव में बिना अनुमति के 125 हरे पेड़ों पर आरी चलाने के मामले में डीएम ने सोलर प्लांट संचालकों पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही डीएम ने इस मामले के जांच के आदेश भी दिए हैं. डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने नायब तहसीलदार सतपुली को जांच अधिकारी नामित किया है.गौरतलब है कि बीते 20 जुलाई को सतपुली के गोर्ली गांव के ग्रामीणों ने सोलर प्लांट के नाम पर गांव के चारागाह की भूमि पर बिना परमिशन पेड़ काटने का आरोप लगाया था. ग्रामीण अपने गांव की चारागाह भूमि पर अवैध रूप से पेड़ों के कटने के संबंध में तहसील सतपुली एसडीएम से मिलने पहुंचे थे.एसडीएम संदीप कुमार ने इस संबंध में प्रभारी तहसीलदार को रिपोर्ट तैयार कर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा था. साथ ही राजस्व उपनिरीक्षक को मौका मुआयना करने के आदेश दिए थे. दमदेवल रेंज की रेंजर सुची चौहान का कहना है कि उनके द्वारा पेड़ों के कटने से संबंधित किसी भी प्रकार की परमिशन नहीं दी गई है और ना ही उनके पास कोई इस संबंध में कोई शिकायत मिली.



Source: etvbharat.com


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