उत्तराखंड

अल्मोड़ा प्रशासन ने खिलाड़ियों की सुविधा के लिए जिले के एचएनबी स्टेडियम में स्ट्रीट लाइट लगवाई

Admin Delhi 1
28 Oct 2022 1:45 PM GMT
अल्मोड़ा प्रशासन ने खिलाड़ियों की सुविधा के लिए जिले के एचएनबी स्टेडियम में स्ट्रीट लाइट लगवाई
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अल्मोड़ा न्यूज़: अल्मोड़ा के उभरते खिलाड़ियों की प्रतिभा का ही परिणाम है कि उन्हें तराशने के लिए अब रात का अंधेरा भी आड़े नहीं आएगा। प्रशासन ने खिलाड़ियों की सुविधा को देखते हुए जिले के एक मात्र खेल मैदान एचएनबी स्टेडियम में स्ट्रीट लाइट लगवा दी हैं। अब यहां के खेल प्रेमी दिन में अन्य कार्यों में व्यस्त होने के बाद भी रात में अपनी प्रतिभा को यहां आकर निखार सकते हैं। अल्मोड़ा जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। भारतीय महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट और बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन संसाधनों के अभावों के बाद भी इसी मैदान से खेलते हुए गुजरे और आज देश दुनिया की आंखों के सितारे बन गए। यही कारण कि अल्मोड़ा के युवाओं में खेल के प्रति बेहद रूचि है। लेकिन जिले में खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिये संसाधनों का भारी अभाव है। जिला मुख्यालय में केवल एचएनबी खेल मैदान में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।

अल्मोड़ा के सभी नामचीन खिलाड़ी भी इसी खेल मैदान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचे हैं। लेकिन इसके बाद भी पहाड़ों में कुछ मेहनतकश युवाओं को दिन भर कामकाज के बीच अभ्यास के लिये उचित समय नहीं मिल पाता है। वहीं रात में खेल प्रतिभा में सुधार लाने के लिए कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में अब जिला प्रशासन की मदद से खेल विभाग ने खिलाडिय़ों को रात केसमय अभ्यास की व्यवस्था कर दी है। मैदान के एक छोर में क्रिकेट अभ्यास के लिये पिच तैयार कर उसमें स्ट्रीट लाइट लगा दी है। इससे रात में भी खिलाड़ी नेट और पिच पर क्रिकेट का अभ्यास कर सकेंगे। इससे खेल प्रेमियों में उत्साह और खुशी है। दिन में काम काज और शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा अब रात में भी अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही अपनी खेल प्रतिभा को तराश कर देश और दुनिया में अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन कर सकते हैं।

सीडीओ अंशुल की पहल लाई रंग: कुछ महीनों पहले अल्मोड़ा में नियुक्त सीडीओ अंशुल सिंह के प्रयासों का परिणाम ही है कि अल्मोड़ा के खिलाडिय़ों को प्रैक्टिस के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो पा रही हैं। खुद खेल से जुड़े सीडीओ अंशुल कहते हैं कि उनकी कोशिश है कि बच्चे अपने रूचि के खेल में पारंगत बन सकें। इसके लिए वह कड़ी मेहनत करें और उन्हें चौबीसों घंटे प्रैक्टिस की सुविधा मिल सके। जिसके लिए मैदान में क्रिकेट की पिच, लाइट और नेट लगाए गए हैं। आने वाले समय में अच्छी किस्म की घास लगाकर मैदान का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा। अंशुल कहते हैं कि यहां की खेल प्रतिभाओं को देखकर उनका एक सपना है कि खेल गतिविधियों को और अधिक बेहतर बनाया जा सके। ताकि खिलाड़ी आसानी से अपना मुकाम हासिल कर सकें।

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