उत्तराखंड
बारिश के बाद आपदा के चार दिन बीते, लेकिन 11 लोगों का अब तक नहीं चल पाया पता
Renuka Sahu
24 Aug 2022 6:16 AM GMT
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फाइल फोटो
अतिवृष्टि से आई आपदा के चार दिन हो गए हैं लेकिन 11 लोगों का अब तक पता ही नहीं चल पाया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अतिवृष्टि से आई आपदा के चार दिन हो गए हैं लेकिन 11 लोगों का अब तक पता ही नहीं चल पाया। आपदओं के दौरान सरकारी सर्च एवं रेस्क्यू अभियानों की यह लाचारगी कई सवाल उठा रही है। बाढ़ में बहे और मलबे में दबे लोगों को यदि समय पर सुरक्षित बचा लिए जाए तो उनकी जान बचने की संभावना ज्यादा होती है।
आपदा में देहरादून के सात लोग और टिहरी के चार लोग अब तक लापता है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन की टीम सर्च और रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है। इससे पहले भी जब जब आपदाएं आईं, सर्च टीमें लापता लोगों का समय पर पता नहीं लगा सकीं। अब तक लापता देहरादून में अनिता राणा, राजेंद्र सिंह राणा, जगमोहन, सुरेंद्र सिंह, विशाल, दीपक रावत, गीता राम जोशी, टिहरी में कमान सिंह, रूक्मणि देवी, सचिन, वीना।
ग्वाड़ नहीं पहुंचे टिहरी जिले के बड़े अफसर
देहरादून के सरखेत में जहां प्रशासनिक अधिकारियों ने डेरा डाला हुआ है। वहीं टिहरी के ग्वाड़ गांव में अभी तक जिला प्रशासन के बड़े अफसर नहीं पहुंचे। अधिकारियों में एसडीएम धनोल्टी जरूर ग्वाड़ गांव पहुंचे थे। टिहरी के ग्वाड़ में मलबे में लोग दबे हैं। जबकि तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
सरखेत गांव में मलबे में दबे पांच लोगों का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चल पाया। जिस घर में पांच लोग दबे थे उसकी खुदाई आंगन तक हो चुकी है, लेकिन मलबे में दबे लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया। ऐसे में परिजनों की उम्मीद टूटने लगी है।
सरखेत गांव में पांच लोग मलबे में दब गए थे। सोमवार सुबह से यहां मलबे में दबे लोगों की खोजबीन चल रही है। दो मशीनों से मलबे की खुदाई चल रही है। जिस घर में लोग दबे थे, खुदाई में उस घर के बाथरूम वाला हिस्सा बचा हुआ है। बाकी पूरा घर बह रखा है। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने बताया कि घर के आंगन तक खुदाई हो चुकी है, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया। जिस घर में लोग दबे थे, वह पूरी तरह बह रखा है। बाथरूम वाला हिस्सा बचा है। बुधवार को क्यारियों से मलबे को हटाया जाएगा।
शव मिले एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर डॉग स्क्वॉयड की टीम ने मालदेवता एवं सरखेत क्षेत्र में सर्चिंग अभियान चलाया। सौड़ा सरोली में सौंग नदी के पुल के नीचे मानव अंग मिला। कलाई युवक की प्रतीत हो रही है। आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के अनुसार टिहरी के कीर्तिनगर के कोठार गांव में बचुली देवी और ग्वाड गांव में मगन देवी का शव मिल गया है। आपदा की वजह से मौतों की संख्या सात पर पहुंच गई है।
टूटने लगी अपनों के मिलने की उम्मीद
सरखेत गांव में मलबे में दबे पांच लोगों का दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं चल पाया। जिस घर में पांच लोग दबे थे उसकी खुदाई आंगन तक हो चुकी है, लेकिन मलबे में दबे लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया। ऐसे में परिजनों की उम्मीद टूटने लगी है। सरखेत गांव में पांच लोग मलबे में दब गए थे। सोमवार सुबह से यहां मलबे में दबे लोगों की खोजबीन चल रही है। दो मशीनों से मलबे की खुदाई चल रही है।
जिस घर में लोग दबे थे, खुदाई में उस घर के बाथरूम वाला हिस्सा बचा हुआ है। बाकी पूरा घर बह रखा है। सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने बताया कि घर के आंगन तक खुदाई हो चुकी है, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया। जिस घर में लोग दबे थे, वह पूरी तरह बह रखा है। बाथरूम वाला हिस्सा बचा है। बुधवार को क्यारियों से मलबे को हटाया जाएगा।
शव मिले एसडीआरएफ सेनानायक मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर डॉग स्क्वॉयड की टीम ने मालदेवता एवं सरखेत क्षेत्र में सर्चिंग अभियान चलाया। सौड़ा सरोली में सौंग नदी के पुल के नीचे मानव अंग मिला। कलाई युवक की प्रतीत हो रही है। आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के अनुसार टिहरी के कीर्तिनगर के कोठार गांव में बचुली देवी और ग्वाड गांव में मगन देवी का शव मिल गया है। आपदा की वजह से मौतों की संख्या सात पर पहुंच गई है।
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