बैकडोर भर्ती प्रकरण में तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के बाद एजेंसी की भूमिका की होगी जांच
देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती प्रकरण में तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने के साथ ही 32 पदों पर हुई परीक्षा भी रद कर दी गई है। साथ ही भर्ती एजेंसी की भूमिका की भी जांच होगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस पूरे प्रकरण में संदिग्ध पाए गए मौजूदा विधानसभा के सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के संबंध में जानकारी दी। विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के अनुसार, विधानसभा सचिवालय द्वारा वर्ष 2021 में 32 विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिये आवेदन पत्र मंगाये गये थे, जिसके लिये इस वर्ष 20 मार्च को लिखित परीक्षा भी आयोजित की गयी थी जिसका परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। इस परीक्षा के लिये लखनऊ की एक प्राईवेट एजेंसी मैसर्स आरएमएस टेक्नोसोल्यूशनस प्रालि का चयन किया गया। इस एजेंसी के कार्यकलाप विवादों में रहे हैं और इस पर पेपरलीक के गंभीर आरोप भी लगे हैं जिसके चलते कम से कम 5 प्रतियोगिता परीक्षा शासन को रदद करनी पड़ी हैं और अनेक गिरफ्तारियां भी विधानसभा सचिवालय में नियमों/प्रावधानों का उल्लघंन करते हुए इस एजेंसी का चयन किया गया है इसमे अनेक वित्तीय अनियमितताएं भी पायी गयी हैं।
विस अध्यक्ष ने बताया कि उपलब्ध जानकारी अनुसार इस एजेंसी को बिल प्राप्त होने के 02 दिन के अन्दर बैंक से 59 लाख रुपये का भुगतान भी जारी कर दिया गया जिसमें विधानसभा सचिव की भूमिका भी संदेहास्पद पायी गयी है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने यह निर्णय लिया है कि इन 32 पदों पर हुई परीक्षा को निरस्त किया जाता है तथा एजेंसी की भूमिका की जांच की जाएगी तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मैंने यह भी निर्णय लिया है कि इस पूरे प्रकरण में विधानसभा सचिव की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाए। जांच पूरी होने तक सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है, तत्संबंधी आदेश जारी किये जा रहे है।
समिति के सुझावों पर होगी कार्रवाई: विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट में दी गयी विभिन्न सिफारिशों, सुझावों पर कार्रवाई जारी रहेगी। इसमें विधानसभा सचिवालय में कर्मचारियों/अधिकारियों की राइट सीजिंग, ई-ऑफिस, ई-विधान, पदोन्नति तथा सेवा नियमों में सुधार शामिल हैं।
समय से पहले मिली रिपोर्ट: विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि विगत 3 सितंबर को हुई प्रेस वार्ता में उनके द्वारा कहा गया था कि युवाओं को निराश नहीं होना है और मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मैं प्रदेश के युवाओं की आशाओं व अपेक्षाओं पर खरी उतरने का प्रयास करूंगी। मैंने यह भी कहा था कि मैं अनियमितताओं को लेकर कठोर निर्णय लेने में संकोच नहीं करूंगी। उसी दिन जांच समिति गठित की गई थी और एक माह में रिपोर्ट आनी थी। लेकिन विशेषज्ञ समिति ने सराहनीय कार्य किया है और निर्धारित अवधि के पूर्व ही 214 पन्नों की रिपोर्ट सौंप दी है।