उत्तराखंड

कर्फ्यू में राहत के बाद मीडियाकर्मियों को वनभूलपुरा क्षेत्र में जाने की इजाजत मिली

Admindelhi1
17 Feb 2024 5:37 AM GMT
कर्फ्यू में राहत के बाद मीडियाकर्मियों को वनभूलपुरा क्षेत्र में जाने की इजाजत मिली
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वनभूलपुरा क्षेत्र

नैनीताल: बीती आठ फरवरी को हुए उपद्रव के बाद लगे कर्फ्यू के बाद गुरुवार को दी गई ढील के दौरान मीडियाकर्मियों को वनभूलपुरा क्षेत्र में जाने की इजाजत मिली। यहां हर गली में पुलिस और अर्द्धसैनिकों बलों का पहरा दिखाई दिया। घरों की छतों और खिड़कियों से लोग कौतूहलवश झांकते नजर आए। खास हिंसाग्रस्त क्षेत्र रहे वनभूलपुरा में कर्फ्यू में पहली बार दो घंट की ढील दी गई थी। इस राहत के बावजूद यहां चारों ओर खामोशी रही। यहां हुई आगजनी और पत्थरबाजी के निशान अब भी सड़कों, दीवारों, घरों के दरवाजों और दुकानों के शटर पर आज भी ताजा लग रहे थे। वनभूलपुरा क्षेत्र में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेटों की मौजूदगी में करीब 12 से अधिक मीडियाकर्मी उपद्रव के बाद यहां के हालात देखने पहुंचे।

हिंसाग्रस्त क्षेत्र में जाने की नहीं मिली अनुमति मलिक का बगीचा क्षेत्र में मदरसे व धार्मिक स्थल ध्वस्तीकरण वाली जगह में जाने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस एवं प्रशासन ने सभी को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए नई बस्ती गोपाल मंदिर वाली गली से ही फोटो और वीडियोग्राफी करने को कहा।

सुबह 11.52 बजे लाइन नं. 17 में सुनसानी

वनभूलपुरा क्षेत्र में लाइन नंबर आठ और लाइन नंबर 17 दो सबसे बड़ी गलियां हैं। छोटे से लेकर बड़ा कारोबार इन गलियों में शाम के वक्त से शुरू होता है। ऐसे में दोनों गलियों में सबसे अधिक भीड़ रहती है। लेकिन, गुरुवार को कहानी उलट थी। लाइन नंबर-17 में अधिकांश घरों के दरवाजे-खिड़कियां बंद दिखीं। आम दिन चहल-पहल वाले इलाके में लोग देखने तक को नहीं मिले। वनभूलपुरा जीजीआईसी के गेट पर पुलिसकर्मी ड्यूटी पर मिले।

दोपहर 12.00 बजे पीएचसी में पहुंचीं दवाएं

टीम गुरुवार दोपहर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वनभूलपुरा पहुंची। यहां से निकलने वाली हर गली पर अर्द्धसैनिक बल का पहरा दिखाई दिया। एक सप्लाई वाहन से स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को दवाइयां पहुंचाई जा रही थीं। डीएम ने बुधवार को ही यहां दवाएं पहुंचाने के आदेश दिए थे। पीएचसी में मौजूद स्टाफ और डॉक्टर ड्यूटी में मुस्तैद मिले।

सुबह 11.59 बजे नई बस्ती में दहशत याद आई

लाइन नंबर 17 के दाईं तरफ की गली से होते हुए मीडियाकर्मी और प्रशासनिक अफसर नई बस्ती के पास पहुंचे। यहां सभी को उपद्रव की रात की याद आ गई। हक्कानी मस्जिद और उसके आसपास हुए पथराव और आगजनी के निशान यहां अब भी साफ दिख रहे थे। कई मीडियाकर्मियों ने इसी गली में घुसकर जान बचाई थी, तो कई यहां गंभीर घायल भी हुए।

सुबह 11.41 बजे हालात बयां कर रहे कहानी

उपद्रव के दौरान वनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी गई थी। यहां मौजूद प्रशासनिक व पुलिस अफसरों की किसी तरह जान बचाई थी। गुरुवार को समूचा थाना क्षेत्र छावनी में तब्दील नजर आ रहा था। थाना भवन की मरम्मत का काम बड़े पैमाने पर चलता दिखाई दिया। बाहर की ओर हजारों दस्तावेज, क्षतिग्रस्त हेलमेट, काउंटर रखा दिखा। थाने के सामने की ओर लोगों की भीड़ कर्फ्यू पास बनवाती दिखाई दी। सड़क के दोनों ओर बाइकें और अन्य दुपहिया वाहन जलाने के निशान देखने को मिले।

सुबह 11.30 बजे रेलवे स्टेशन से पैदल चले यात्री

रोडवेज स्टेशन के पास में पुलिसकर्मियों का पहरा दिखाई दिया। सुबह साढ़े 11 बजे हाथ में बैग लिए दर्जनों लोग हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से रोडवेज स्टेशन की ओर आते दिखे। निजी वाहनों की आवाजाही बंद की थी। ये सभी नैनीताल रोड, अन्य जगहों से वाहन ढूंढकर अपने रास्ते गए।

दोपहर 12.30 बजे आगजनी से तिराहा काला

अतिक्रमण क्षेत्र में कार्रवाई के बाद वापस लौट रहीं पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीमें गोपाल मंदिर वाली गली से होती हुई नई बस्ती तिराहे पर पहुंची थीं। उपद्रवियों ने इस तिराहे को ब्लॉक करने के लिए कई बाइकें और बैरिकेड आग के हवाले कर दिए थे। इंदिरानगर ठोकर और नई बस्ती की तरफ जाने वाली सड़कों से उपद्रवियों ने पथराव किया था। गुरुवार को इस तिराहे की स्थिति सबसे खराब नजर आई। सड़क के तीनों तरफ और उससे लगे घरों में आगजनी के निशान दिखाई दे रहे थे।

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