उत्तराखंड

जोशीमठ के बाद अब यहां मकानों में आईं दरारें, दहशत से शिफ्ट हुए कई परिवार

Shantanu Roy
7 Feb 2023 10:31 AM GMT
जोशीमठ के बाद अब यहां मकानों में आईं दरारें, दहशत से शिफ्ट हुए कई परिवार
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जोशीमठ। जोशीमठ के हालातों को अब तक कोई भूला नहीं है। लेकिन अब उत्तराखंड का एक और शहर खतके की जद में है। कर्णप्रयाग भी अब जोशीमठ बनने को तैयार है। कर्णप्रयाग में भी जोशीमठ की तरह दरारें आ गई है। जिसकी चपेट में 38 परिवार आ गए हैं। फिलहाल इन परिवारों से मकान खाली करवा लिए गए हैं। और इन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। जोशीमठ का खौफनाकमंजर कोई भूला भी नहीं था कि अब वही मंजर कर्णप्रयाग में भी देखने को मिल रहा है। मिला जानकारी के मुताबिक कर्णप्रयाग के 38 मकानों में भी दरार आ गई है। जिसके बाद आनन-फानन में प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। सभी प्रभावितों को मकान खाली करवाने के बाद नगर पालिका के रैन बसेरों में और आईटीआई कॉलेज की कक्षाओं में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन कर्णप्रयाग के हालातों पर नजर बनाए हुए है।
जोशीमठ की दरारों और दरारों से आ रहे पानी आने की असल वजह का पता अब तक नहीं चल पाया है। इसी बीच कर्णप्रयाग में दरारों का आना भी सवाल उठा रहा है। कि आखिर कर्णप्रयाग की दरारों की वजह क्या है। एक साथ प्रदेश में इतनी जगह दरारें क्यों आ रही हैं। हालांकि अब तक दरारों की वजहों का पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि अनियंत्रित विकास कार्यों का परिणाम है जो आज देवभूमि भुगत रहा है। जोशीमठ मामले में लगातार सवाल उठ रहे थे। जिस पर सरकार जवाब देने से बच रही थी। कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही थी। इसी बीच केंद्र सरकार ने लोकसभा में अपना जवाब दिया है। भारत सरकार का कहना है कि जोशीमठ ऐसा पहली बार नहीं हुआ हा। इस से पहले भी जोशीमठ में बाढ़ और भू-स्खलन की घटनाएं हुई है। जिसकी वजह से पहले भी बिजली परियोजना का काम रोकना पड़ा था। सरकार ने कहा है कि जोशीमठ और उसके आस-पास कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है।
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