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श्रीनगर (आईएएनएस)| उत्तराखंड का जोशीमठ हो या रुद्रप्रयाग या फिर कर्णप्रयाग ही क्यों न हो, इन जगहों से लगातार भू धंसाव और घरों में दरारें आने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि पौड़ी के श्रीनगर से भी अब ऐसी ही खबर सामने आ रही हैं। जी हां, पौड़ी में वन विभाग कर्मचारियों के लिए बनाई गई आवासीय कॉलोनी खतरे के मुहाने पर खड़ी है। लगातार भू धंसाव होने से कई सरकारी भवनों में दरारें पड़ चुकी हैं। बारिश और भूकंप आने पर लोग घरों से निकल जाते हैं। आवासीय भवन जिस जमीन पर है, वो जमीन भी अब धंसने की कगार पर पहुंच चुकी है। ऐसे में इन आवासों में रह रहे वन विभाग के कर्मचारी और उनके परिजनों को रोज डर के साये में जीवनयापन करना पड़ रहा है। वन विभाग के आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनको आवंटित हुए भवनों में दरारें उस वक्त से पड़ने लगीं, जब से आवासीय भवनों के नीचे राजकीय पॉलिटेक्निक का निर्माण होने लगा। इस निर्माण के दौरान भूमि कटान का कार्य किया गया। इसके बाद से ही सरकारी आवासीय भवनों में दरारें पड़ने लगीं और जमीन धीरे-धीरे धंसने लगी। अब हालात ये हैं कि जमीन काफी धंस चुकी है। तेज बारिश और भूकंप के झटके महसूस होने पर आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोग सहम जाते हैं और घरों से बाहर निकल जाते हैं। लोगों ने आवासीय कॉलोनी की जल्द मरम्मत की मांग की है। लोगों का कहना है कि जल्द आवासीय कॉलोनी की मरम्मत नहीं की गई, तो कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
वहीं मामले में डीएम आशीष चौहान ने बताया कि इंजीनियरों की एक टीम आवासीय भवनों के निरीक्षण के लिए भेजी जाएगी। साथ ही डीएफओ पौड़ी से भी आवासीय भवनों की स्थिति की रिपोर्ट मांगेंगे। कर्मियों को कोई दिक्कत न हो, समस्या के निस्तारण के लिए उचित उपाय किए जाएंगे।
--आईएएनएस
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