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हल्द्वानी/देहरादून, (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत ने हिंदू देवी देवताओं को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इसको लेकर चौतरफा किरकिरी होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली है। कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने अपने बयान पर माफी मांगी मांगते हुए कहा, "मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। मेरे बयान से अगर किसी की भी भावना को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।"
विधायक बंशीधर ने कहा कि उन्होंने भगवान को प्रसन्न करने के लिए अपनी घरेलू भाषा में यह बात कही, लेकिन यदि किसी के आत्मसम्मान और भावनाओं को ठेस पहुंची है। तो वह अपने शब्द वापस लेते हैं और इसके लिए माफी भी मांगते हैं।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत ने हिंदू देवी देवताओं पर एक टिप्पणी की थी। इसके बाद से उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक दलों ने उन पर चौतरफ हमला करना शुरू कर दिया था। वहीं, कांग्रेस ने भी बंशीधर भगत से अपने दिए गए बयान को लेकर माफी मांगने की बात कही थी।
दरअसल, पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान में कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत बीते रोज हल्द्वानी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां भाषण देते समय विधायक की जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि बालिकाओं का हमेशा सम्मान होता है। लेकिन बालकों को भी सम्मान मिलना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा था, "जब विद्या मांगने की बारी आती है तो सरस्वती को पटाओ, शक्ति मांगनी हो तो दुर्गा को पटाओ, और धन मांगनी हो तो लक्ष्मी को पटाओ..।" बंशीधर के इस विवादित बोल के बाद वहां मौजूद महिलाएं और बालिकाएं हक्का बक्का रह गईं।
विधायक यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कह दिया, "एक पुरुष भगवान शिव हैं, जो हिमालय पर जाकर ठंड में पड़े हुए हैं। ऊपर से उनके सिर पर सांप बैठा हुआ है और ऊपर से पानी बह रहा है। वहीं, भगवान विष्णु समुद्र की गहराई में छुपे हुए हैं। आपस में बेचारों की बात भी नहीं होती है।" बंशीधर भगत के इस बयान के बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। अब उन्होंने अपने इस बयान को लेकर माफी मांग ली है।
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