देहरादून न्यूज़: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग की बैठक में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखंड में भी अगले पांच साल तक विस्तार देने की पैरवी की है. उन्होंने कहा कि राज्य में इकोनॉमी तथा इकोलॉजी का सन्तुलन बनाने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनायी जा रही है
नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2022 में समाप्त हो चुकी है, जबकि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए इसी प्रकार की औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है. पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखंड की समस्याएं भी उन्हीं राज्यों की तरह हैं. इसलिए औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखंड में भी आगामी पांच वर्षो के लिये विस्तारित किया जाए.
धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) का गठन किया है. गुजरात के जीआईडीबी की तर्ज पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए हेतु उत्तराखंड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड का गठन किया गया है. जल संरक्षण को बढ़ावा देने और इकोनॉमी- इकोलॉजी का सन्तुलन बनाने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनाई जा रही है. इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा जल आधारित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य है, जिसके द्वारा अधिकतम कार्य पूर्ण किया गया है. राज्य में ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ के मूल मंत्र पर चलते हुए आईटी का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है. अपणि सरकार पोर्टल पर लगभग 70 प्रतिशत सेवाएं ऑनलाईन उपलब्ध है. ‘अपणों स्कूल अपणों प्रमाण’ के अन्तर्गत विद्यालय में ही छात्र-छात्राओं को सभी प्रमाण पत्र निर्गत किए जा रहे हैं. पर्यटन नीति 2023 के अंतर्गत लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश सम्भावित है. विदेशों में रोजगार के आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना लाई गई है. पर्यटक स्थलों पर सुगमतापूर्वक आवागमन के लिये 58 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्मित किये गए हैं जबकि 29 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्माणाधीन है. राज्य में ‘ड्रोन यूसेज एंड प्रमोशन पॉलिसी’ लाई जा रही है.
25 मेगावाट से छोटी परियोजना मंजूर करने का हक मिले
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में 25 मेगावाट से कम लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं की ही उत्पादन क्षमता लगभग 3500 मेगावाट है. इसमें से मात्र 200 मेगावाट का ही दोहन हो रहा है. 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन का अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किया जाए.
धामी ने मोदी से उत्तराखंड के लिए ग्रीन बोनस मांगा
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एक बार फिर केंद्र सरकार से उत्तराखंड के लिए ग्रीन बोनस मांगा. दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयेाजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में धामी ने राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार से विशेष सहयोग की अपेक्षा की. उन्होंने ने कहा कि उत्तराखंड अपने वन, बुग्याल, ग्लेशियरों के संरक्षण से देश को सालाना करीब 95 हजार करोड़ रूपये की पर्यावरणीय सेवाएं मुहैया करा रहा है. भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में पर्यावरणीय सेवाओं के मानक को बढ़ाया जाना चाहिए. जब तक यह प्रणाली लागू नहीं होती तब तक उत्तराखंड को ग्रीन बोनस प्रदान किया जाए.
अस्थिर जनसंख्या को भी गिना जाए योजनाओं में
सीएम ने कहा कि सामान्यत विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं में स्थिर जनसंख्या के मानक का उपयोग किया जाता है. राज्य में तीर्थयात्रा, कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में यात्री आते हैं. यह संख्या राज्य की स्थायी जनसंख्या से पांच से छह गुना अधिक है. योजनाओं में इनका ध्यान रखा जाए.