उत्तराखंड

‘लिव इन’ को कानूनी आधार देने की पैरवी, समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ कमेटी ने की रायशुमारी

Admin Delhi 1
27 May 2023 11:23 AM GMT
‘लिव इन’ को कानूनी आधार देने की पैरवी, समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ कमेटी ने की रायशुमारी
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देहरादून न्यूज़: समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड-यूसीसी)के लिए दून में आयोजित जनसंवाद में लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी आधार देने व विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया सरल करने की जोरदार पैरवी की गई. ये मुद्दा जनसंवाद से लेकर संवैधानिक आयोगों के साथ विचार-विमर्श में छाया रहा.

यूसीसी का ड्राफ्ट तय करने के लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी ने पहले सत्र मकें उत्तराखंड के सभी सात आयोगों के पदाधिकारियों से एनेक्सी में सुझाव लिए गए. दोपहर बाद आईआरडीटी हॉल में जनता की राय ली गई. जनसंवाद की शुरुआत कमेटी के सदस्य मनु गौड़ ने ड्राफ्ट पर अब तक हुए कामकाज की जानकारी देकर की.

उन्होंने बताया कि गतवर्ष कमेटी बनने के बाद 45 बैठक की जा चुकी हैं. इस दौरान कमेटी को ड्राफ्ट के संबंध में सवा दो लाख से अधिक सुझाव मिल चुके हैं. प्रदेश में कई जनसंवाद के बाद कमेटी अब दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ भी संवाद करेगी. कमेटी के एक अन्य सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी की पृष्ठभूमि स्पष्ट करते हुए, वैदिक काल के तत्काल बाद से आधुनिक कानूनों तक पर बात की. उन्होंने कहा कि अभी नागरिक कानूनों में विविधता है,जिसकी अपनी कई मुश्किलें हैं. ऐसे में कमेटी एक समान संहिता पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा, संविधान निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर भी समान नागरिक संहिता के पक्षधर थे, पर तब संविधान सभा इसे तत्काल लागू करने पर सहमत नहीं हुई, इसलिए इस विषय को नीति निर्धारक तत्वों में शामिल करते हुए भविष्य के लिए छोड़ दिया गया. संवाद के दौरान कमेटी की गुजारिश पर पद्मश्री प्रीतम भरतवाण व बसंती बिष्ट ने लोकगीत भी पेश किए.

सुबह के सत्र में महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना, एससी कमीशन अध्यक्ष मुकेश कुमार के साथ ही ओबीसी कमीशन, मानवाधिकार, अल्पसंख्यक आयोग, एसटी कमीशन के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी.

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