उत्तराखंड

पंचेश्वर में एंग्लिंग सेंटर की स्थापना के लिए शासन स्तर से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मिली

Admin Delhi 1
22 Sep 2022 3:24 PM GMT
पंचेश्वर में एंग्लिंग सेंटर की स्थापना के लिए शासन स्तर से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मिली
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चम्पावत न्यूज़: चम्पावत के लोगों के साथ साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी खुशखबरी है कि सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों से आखिरकार जिले के पंचेश्वर में एंग्लिंग सेंटर की स्थापना के लिए शासन स्तर से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। कार्यदायी संस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम की देखरेख में स्थापित होने वाले इस सेंटर के लिए चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 39.26 लाख रुपए अवमुक्त हो चुके हैं। एंग्लिंग के लिए एशिया महाद्वीप में अपना विशेष स्थान रखने वाले पंचेश्वर में अब एंग्लिंग सेंटर खोलने से पर्यटकों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ क्षेत्रीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। 98.15 लाख रुपयों के लागत से बनने वाले एंग्लिंग सेंटर के निर्माण से जनपद में पर्यटन को नए पंख लगेंगे साथ ही मुख्यमंत्री धामी के चम्पावत को मॉडल जिला बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ जाएगी। ऐगुलरों की दृष्टि में पंचेश्वर एशिया महाद्वीप में विशिष्ट स्थान रखता है। यहां आधारभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद प्रतिवर्ष 200 से 250 तक एंगुलर पूरे जोश खरोश के साथ यहां पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी से यहां पर्यटक नहीं पहुंच सके। पंचेश्वर, सरयू एवं महाकाली नदी का ऐसा संगम है जिसमें सरयू नदी का पानी गर्म रहता है जबकि हिमस्रोत की नदी होने के कारण महाकाली नदी का पानी प्राकृतिक रूप से बहुत ठंडा है।

अक्टूबर से मध्य दिसंबर तक तथा फरवरी से जून तक यहां एंग्लिंग के लिए उपयुक्त समय माना जाता है। पर्यटन विभाग द्वारा सरयू व महाकाली नदी में पंचेश्वर संगम से धर्माघाट, घाट पुल से चमगाड़, चमगाड़ से मल्ली पन्थ्यूड़ा, मल्ली पन्थ्यूड़ा से संगम तक तथा सीम से चूका तक पांच एंग्लिंग केंद्र चयनित किए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा हालांकि एंग्लिंग को बढ़ावा देने के लिए युवक मंगल दलों को यह कार्य सौंपा गया है। यहां एंग्लिंग केंद्र का सही ढंग से निर्माण किया गया तो युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। विश्व प्रसिद्ध एंगलर व शिकारी जिम कार्बेट, जनरल रोटिक्स समेत एंग्लिंग के शौकीन कई अन्य अंग्रेज भी यहां मत्स्य आखेट के लिए पहुंचते थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में यहां इंडियन फिश कंजर्वेशन ने इंटरनेशनल एंगलर मीट का आयोजन किया था। जिसके बाद से यहां देशी व विदेशी एंगलरो की संख्या बढ़नी शुरू हुई।

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