जमीन का कब्जा लेने गई प्रशासन, किसानों ने किया विरोध
गदरपुर: ग्राम खेमपुर में डिग्री कॉलेज के लिए स्वीकृत भूमि पर कब्जेदारों से कब्जा लेने पहुंची प्रशासनिक टीम को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान किसान परिवार की एक बुजुर्ग महिला गश खाकर गिर पड़ी, जिससे अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।
वहीं कब्जा लेने के आदेश की कॉपी मांगने पर बिना कुछ कहे प्रशासनिक टीम बैरंग लौट गई। सूचना मिलने पर भाकियू अराजनैतिक ने खेत के किनारे धरना-प्रदर्शन कर तहसील प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कब्जा लेने के दौरान नोकझोंक की आशंका के चलते भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
गुरुवार को नायब तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट के नेतृत्व में राजस्व विभाग के अधिकारी ग्राम खेमपुर में डिग्री कॉलेज के लिए स्वीकृत भूमि पर कब्जा लेने के इरादे से पहुंचे थे। अधिकारियों और पुलिस की संख्या देख खेत में धान की फसल लगा रहे मजदूरों में हड़कंप मच गया।
सूचना पर कई सालों से जमीन पर खेतीबाड़ी कर रहे किसान का भी पूरा परिवार खेत में पहुंच गया। किसान का कहना था कि उसका परिवार पिछले 50 वर्षों से भूमि पर काबिज है। किसान ने पुश्तैनी भूमि बताते हुए कहा कि राजस्व अभिलेखों में जमीन सतपाल पुत्र देशराज के नाम से दर्ज है।
किसान का आरोप है कि पिछले कुछ समय से प्रशासन जबरन उनकी भूमि पर डिग्री कॉलेज बनाना चाह रहा है। जबकि यह मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। खेत पर कब्जा लेने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी खेत में पहुंच गई। जबकि एक बुजुर्ग महिला कैलाश रानी सदमे में गश खाकर गिर गई।
अन्य महिलाओं की मदद से बुजुर्ग महिला के मुंह पर पानी का छींटा डालकर होश में लाने का प्रयास किया गया। जब इसकी सूचना अन्य किसानों को लगी तो किसानों ने मौके पर पहुंचकर तहसील प्रशासन के खिलाफ जमकर नरेबाजी कर कड़ा विरोध जताया।
किसान सतपाल ने बताया कि यह वर्ग 4 की भूमि थी। इसको प्रशासन ने जबरन वर्ग 5 में दर्ज करवा दी गई। किसानों के भारी विरोध के चलते तहसील प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा। सूचना मिलने पर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी के नेतृत्व में मौके पर पहुंच गए और उन्होंने खेत के किनारे धरना प्रदर्शन कर राजस्व विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की उनका कहना था कि किसानों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
तहसील प्रशासन के अनुसार डिग्री कॉलेज के नाम ग्राम खेमपुर के निकट वर्ग चार ( सरकारी भूमि ) करीब 1.75 एकड़ स्वीकृत की गई थी। विरोध करने वालों विक्रम सिंह गोराया, उत्तम चंद, गौरव मेनी, मनोहर लाल, अशोक कुमार, विजय कुमार, सुखदेव मेनी, सुभाष कुमार, विजय, सुरेश कुमार, रमेश घीक सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।