उत्तराखंड

स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के आरोपियों ने पेपर बेचकर जुटाई मोटी रकम, एसटीएफ जांच में खुले कई राज

Renuka Sahu
7 Aug 2022 4:41 AM GMT
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के आरोपियों ने पेपर बेचकर जुटाई मोटी रकम, एसटीएफ जांच में खुले कई राज
x
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के आरोपियों ने पेपर बेचकर मोटी रकम जुटाई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के आरोपियों ने पेपर बेचकर मोटी रकम जुटाई। एसटीएफ की जांच में इसका खुलासा हुआ। एसटीएफ ने तीन लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने लाखों रुपये अपने खातों के अलावा परिजनों और रिश्तेदारों के खातों में भी जमा कराए।

एसटीएफ ने शनिवार को एक आरोपी से 10 लाख रुपये और बरामद किए। साथ ही, कई लोगों के खातों को फ्रीज करा दिया गया।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार इस मामले में अभी तक गिरफ्तार आरोपियों से 83 लाख रुपये बरामद हो चुके हैं। निजी कंपनी के कर्मचारी जयजीत से 47 लाख और एचएनबी मेडिकल विवि के कर्मचारी दीपक चौहान से 36 लाख रुपये मिले।
अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें चार सरकारी और तीन संविदा कर्मचारी भी हैं। उन्होंने बताया कि एक निजी कंपनी के कर्मचारी जयजीत, कोर्ट कर्मचारी मनोज जोशी, पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी को रिमांड पर लेकर कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए गए हैं। जबकि, जयजीत से 10 लाख रुपये और मिले।
अल्मोड़ा में खरीदी प्रॉपर्टी : पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी से पूछताछ में पता चला है कि भर्ती परीक्षा का पेपर बेचकर उसने 11 लाख रुपये जुटाए और बैंक खाते में जमा किए। इस खाते को फ्रीज करा दिया गया है। आरोपी मनोज जोशी ने अल्मोड़ा में भी इन पैसों से प्रॉपर्टी खरीदी।
पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थियों की तलाश
एसटीएफ आरोपियों की आय के स्रोत की पड़ताल कर रही है। ऐसे अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने इनसे पेपर खरीदे। उनके सामने आने से बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। कई सफेदपोशों के भी इस घपले में शामिल होने की आशंका है। पूर्व पीआरडी कर्मचारी मनोज जोशी की दोबारा रिमांड के लिए कोर्ट में आवेदन किया जा रहा है।
गांव में बनाया मकान, कार खरीदी
एसटीएफ के अनुसार लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े आरोपी अभिषेक वर्मा को पेपर लीक कराने की एवज में 36 लाख रुपये मिले। इनमें से 9.50 लाख रुपये से उसने अपने गांव में दो कमरे बनवाए और नौ लाख रुपये में एक कार भी खरीदी। बाकी पैसे अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों के खातों में जमा करा दिए। इन सबके बैंक खातों को भी फ्रीज करा दिया गया है।
Next Story