नैनीताल न्यूज़: जमीन की खरीद फरोख्त के नाम पर लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके पति-पत्नी (बंटी बबली)को मुखानी पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया है.
मुखानी थाना क्षेत्र के कई लोगों ने तनुजा पांडे व उसके पति शेखर पांडे निवासी छड़ायल थाना मुखानी पर जमीन बिक्री के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप लगाया था. लोगों की शिकायतों के बाद आईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने केस दर्ज करा एसओ को 15 दिन के भीतर गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. वहीं एसएसपी पंकज भट्ट ने एसपी सिटी हरबंस सिंह व सीओ भूपेंद्र धौनी के निर्देशन में टीम टीम बनाई. को एसओ मुखानी रमेश बोहरा के नेतृत्व में टीम ने दंपति को जिरकपुर मोहाली से पकड़ा.
मंडलायुक्त के जनता दरबार में उठते रहे मामले
हल्द्वानी में जमीन के नाम पर धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई लोग अपनी जमा पूंजी लुटा चुके हैं. इनमें अधिकांश आर्मी रिटायर्ड लोग शामिल हैं. इनके अलावा हल्द्वानी में आशियाना बनाने के सपने देखने वाले भी इनके झांसे में आये हैं. कई बार यह मामले कमिश्नर के जनता दरबार में भी उठते रहे थे. कमिश्नर ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
एक ही जमीन कई लोगों को बेची
आरोप है कि पति पत्नी ने एक ही जमीन कई लोगों को बेच दी. दंपति ठग लोगों को जमीन दिखाते, जिसके बाद इकरारनामा से झांसे में लिया जाता. सेटिंग से रजिस्ट्री भी कर दी जाती. बदले में तय रकम लेकर पल्ला झाड़ लेते. जब तक पीड़ित को पता चलता तब तक आरोपी दूसरे शिकार को आगे खड़ा कर देते. इस तरह आरोपियों ने े कई लोगों को अपने झांसे में ले लिया.
आरोपियों ने पूर्व सैनिक की पत्नी को भी नहीं छोड़ा
आरोपियों ने हर मामले में पीड़ितों से 30 से 40 लाख रुपये धोखे से वसूल लिए. अनुमान के मुताबिक आरोपियों ने करीब तीन करोड़ की रकम हड़प ली. एसओ रमेश बोहरा ने बताया कि आरोपी पति पत्नी ने पूर्व सैनिक शिवराज सिंह बोरा निवासी रानीखेत अल्मोड़ा को ठग लिया. इनके अलावा दरपान सिंह पिथौरागढ़, मनोज डसीला बेरीनाग, दयाल सिंह अल्मोड़ा, देवेंद्र सिंह समेत कई को ठगा.
प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल
एक ही जमीन की कई बार रजिस्ट्री से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के प्रशासन के कुछ अधिकारियों के साथ अच्छी सेटिंग थी. इस सेटिंग के दम पर आरोपी पिछली रजिस्ट्री को छुपाने में कामयाब हो जाते. इससे लोग डील पर भरोसा कर लोगों को अपने जाल में फंसा लेते थे. इसके बाद फिर से उसी जमीन की रजिस्ट्री दूसरे के नाम करा देते.