उत्तराखंड

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार भूकंप के तीन झटकों ने हिमालयी क्षेत्र में टाली बड़ी त्रासदी

Admin Delhi 1
24 Nov 2022 2:37 PM GMT
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार भूकंप के तीन झटकों ने हिमालयी क्षेत्र में टाली बड़ी त्रासदी
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देवभूमि न्यूज़: नेपाल में नौ नवंबर को आए 6.3 तीव्रता के भूकंप से 10 दिन पहले आए तीन पूर्व झटकों ने उत्तराखंड में पिथौरागढ़ की सीमा से लगे हिमालयी क्षेत्र में एक बड़ी त्रासदी को टालने में मदद की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक ओपी मिश्रा ने बताया कि तीन भूकंपों-30 अक्टूबर की सुबह नौ बजकर 11 मिनट पर 4.1 तीव्रता तथा आठ नवंबर को 3.5 और 4.9 तीव्रता के दो भूकंपों ने भूकंपीय रूप से सक्रिय हिमालयी क्षेत्र में संचित तनाव को कम करने में मदद की। उन्होंने कहा कि इन सभी भूकंपों का केंद्र पिथौरागढ़ से लगभग 90 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में दक्षिण अल्मोड़ा थ्रस्ट और उत्तर अल्मोड़ा थ्रस्ट के बीच नेपाल में था तथा भूकंपीय तरंग दिल्ली तथा मुरादाबाद फॉल्ट की ओर बढ़ गईं।

छोटे भूकंप से घटता रहता है तनाव: क्षेत्र में हाल में आए भूकंपों पर अध्ययन कर चुके निदेशक ओपी मिश्रा ने कहा, हिमालयी क्षेत्र का सबसे बड़ा सुरक्षा बिंदु यह है कि छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं और तनाव धीरे धीरे घटता रहता है। उन्होंने कहा कि पूर्व के तीन झटकों से कम हुए भूगर्भीय तनाव से यह भी सुनिश्चित हुआ कि 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद आए झटकों से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। मिश्रा ने कहा, इसके अलावा, भूकंप के बाद आए झटकों की संख्या कम थी। अगर भूंकप से पहले तीन झटके नहीं आते तो भूकंप के बाद के झटकों की एक सिलसिलेवार कड़ी हो सकती थी।

ये आए थे भूकंप के झटके: नेपाल में 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद कुमाऊं क्षेत्र में चार झटके आए थे। इनमें नौ नवंबर को तड़के 3:15 बजे (3.6 तीव्रता) और सुबह 6:27 बजे (4.3 तीव्रता) का झटका आया तथा 10 नवंबर को सुबह 4:58 बजे इस क्षेत्र में 3.6 तीव्रता का एक और झटका आया था। बारह नवंबर को शाम 7:57 बजे आया 5.4 तीव्रता का भूकंप भी नौ नवंबर को आए 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद का झटका था और इसका असर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी महसूस किया गया था।

150 वर्षों में चार बड़े भूकंप: पिछले 150 वर्षों में हिमालयी क्षेत्र में चार बड़े भूकंप आए जिनमें 1897 में शिलांग में, 1905 में कांगड़ा में, 1934 में बिहार-नेपाल में और 1950 में असम में आया भूकंप शामिल है। वर्ष 1991 में उत्तरकाशी में, 1999 में चमोली में और 2015 में नेपाल में एक भूकंप आया था।

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