ऋषिकेश न्यूज़: मसूरी बस हादसे में घायल और प्रत्यक्षदर्शियों ने हादसे की वजह ड्राइवर की लापरवाही बताया. हर कोई एक ही बात कहता रहा कि बस का ड्राइवर बहुत खतरनाक तरीके से बस चला रहा था. वह मोड़ भी बहुत तेज रफ्तार में काट रहा था. यही नहीं बस के नीचे गिरते ही ड्राइवर शीशा तोड़कर मौके से फरार हो गया.
दिल्ली निवासी जितेश कुमार शर्मा ने बताया कि वे परिवार सहित मसूरी घूमने आए थे. रोडवेज की बस से देहरादून लौट रहे थे. उन्होंने बताया कि ड्राइवर के हावभाव ठीक नहीं थे. वह बस चलाते वक्त आगे देखने के बजाय बार-बार पीछे देख रहा था. काफी रफ तरीके से बस चला रहा था. हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई. लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए. बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपने बच्चों को बाहर निकाला. इतने में आईटीबीपी और पुलिस के जवान मौके पहुंचे और उन्हें खाई से बाहर निकाला. जिनेश ने बताया कि जैसे ही बस खाई में गिरी, ऐसा लगा जैसे अब जिंदगी नहीं बचेगी. ऊपर वाले का शुक्र है कि पूरा परिवार सुरक्षित है. हल्की-फुल्की चोटें आई हैं. मसूरी निवासी सुखदेव सिंह ने बताया कि वह अपने बच्चों के पास देहरादून जा रहे थे. उन्हें काफी चोटें आई हैं. उन्होंने बताया कि ड्राइवर बहुत खतरनाक तरीके से बस चला रहा था. बस अड्डे से निकलते ही ड्राइवर ने बस में तेज गाने बजा दिए. बस को काफी तेज ले जा रहा था.
हादसे में मसूरी निवासी सुधाकर लखेड़ा ने अपनी पत्नी और 15 साल की बेटी को खो दिया. उन्हें क्या पता था कि जिस बस से वह अपनी पत्नी और बेटी को बैठा रहे हैं, वह उनके लिए काल बनेगी. सुधाकर लखेड़ा ने बताया कि उनकी पत्नी मायके जा रही थी. दुर्घटना होने के काफी समय बाद तक उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. जब बस गिरने की सूचना मिली, तब उन्हें लगा कि उनकी पत्नी और बेटी भी बस से देहरादून गए हैं. उन्होंने खोजबीन शुरू की. वह मसूरी अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां पर उनकी पत्नी और बेटी नहीं थे. दोनों को सीधे देहरादून भेजा गया था. सिविल अस्पताल में पुलिस वालों ने उनकी पत्नी और बेटी की फोटो दिखाई और मौत की जानकारी दी. जिस बेटी की मौत हुई वह हाईस्कूल में पढ़ती थी. छोटी बेटी 8 साल की है. सुधाकर होटल में नौकरी करते हैं.