राज्य सरकार द्वारा मत्स्य पालन योजना से करीब 250 ग्रामीण बने आत्मनिर्भर
भवाली: मत्स्य पालन विभाग द्वारा स्थानीय लोगों को मछली पालन के लिए विभिन्न योजनाएं दी जा रही है। इसके तहत लोग कम समय में अच्छा मुनाफा कमाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला योजना के तहत विभिन्न प्रकार की सुविधा, सब्सिडी, मत्स्य की देखरेख, तालाब की सुधारीकरण के लिए हर प्रकार की सुविधा दी जा रही है। एससी, एसटी वर्ग को बेहतर सब्सिडी दी जा रही है। नैनीताल जिले में सरकारी आकड़ों के अनुसार राज्य और जिला योजना के तहत पिछले दो साल में करीब 250 अधिक लोग मत्स्य पालन से जुड़े हैं।
राज्य सरकार द्वारा लोगों को मत्स्य पालन के लिए करीब आठ प्रकार की योजनाएं दी जा रही है। इसमें पर्वतीय तालाब निर्माण, आदर्श तालाब, मत्स्य पालन विविधीकरण योजना, समन्वित मत्स्य नयी योजना, मोबाइल फिश स्टॉल योजना, पर्वतीय इलाकों में तालाब निर्माण योजना, इनपुट योजना आदि चलायी जा रही है। इन विभिन्न योजनाओं में 50 से 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही यह विभाग द्वारा 50 हजार से 10 लाख तक मत्स्य पालन में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें अनुदान राशि 50 प्रतिशत तक है। तीन साल से पुराने तालाब या टूट चुके तालाब के सुधार, मरम्मत करने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
रामगढ़, मुक्तेश्वर में बढ़ रहा ट्राउट मछली का कुनबा: आमतौर पर ट्राउट मछलियां हिम क्षेत्र वाले इलाकों में इसका पालन किया जाता है। लेकिन नैनीताल जिले में ट्राउट मत्स्य पालन किया जा रहा है। जिले में करीब 10 लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। जिसका मुख्यत: मुक्तेश्वर, रामगढ़ में ट्राउट मछली का पालन किया जा रहा है। जिला मत्स्य प्रभारी डॉ. विशाल दत्ता ने बताया कि ट्राउट मछली 15 डिग्री से कम तापमान में जिवित रहती है। रामगढ़, मुक्तेश्वर में तापमान कम होने के कारण करीब दस लोग ट्राउट मछलियों का पालन कर रहे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बाजारों में यह मछलियां 1200 से 1500 रुपये किलो में बेची जा रही है।