उत्तराखंड
रूद्रपुर में रेलवे क्रॉसिंग के पास दिखी बाघिन और उसके दो शावक, इलाके में मचा हड़कंप, ट्रेसिंग में जुटा वन विभाग
Renuka Sahu
7 Jun 2022 3:04 AM GMT
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फाइल फोटो
उत्तराखंड में बाघ का दिखना आम बात है. आए दिन रिहायसी इलाकों में बाघ या गुलदार दिखने की खबर आती रहती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में बाघ का दिखना आम बात है. आए दिन रिहायसी इलाकों में बाघ (Tigeress Spotted) या गुलदार दिखने की खबर आती रहती है. ताजा मामला उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर के रूद्रपुर (Rudrapur) हल्द्वानी रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास है. जहां सोमवार देर रात करीब 11:30 बजे एक बाघिन देखी गई. खास बात यह थी कि बाघिन अकेले नहीं बल्कि अपने दो शावकों (जंगली जानवरों के बच्चे) के साथ थी. बाघिन के साथ दो शावक देखने के बाद वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) भी लगातार इन को ट्रेस करने में जुट गया है. रुद्रपुर के छतरपुर रेलवे गेट नंबर 107 के पास बाघिन और उसके दो शावकों को देखे जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
दरअसल छतरपुर 107 नंबर गेट के गेट मैन सुखदेव को सोमवार देर रात करीब 11:30 बजे एक बाघिन अपने दो शावको के साथ टहलती हुई दिखाई दी है. आपको बता दें कि उत्तराखंड में टाइगर दिखना कोई नई बात नहीं है, यहां आए दिन टाइगर दिखाई दे जाते हैं लेकिन बाघिन के साथ दो शावक देखने के बाद वन विभाग भी लगातार इन को ट्रेस करने में जुटा है. ड्यूटी के दौरान गेटमैन सुखदेव ने बाघिन और उसके दो शावकों को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया और उसने रेलवे के व्हाट्सएप्प ग्रुप में वायरल कर दिया. बाघिन और उसके दो शावकों के साथ देखे जाने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
बाघिन और उसके दो शावकों को ट्रेस करने में जुटा वन विभाग
फोटो और खबर वायरल होने के बाद गेटमैन सुखदेव से वन विभाग की टीम ने बातचीत कर बाघिन और उसके दो शावकों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्दी बाघिन और उसके दो शावकों को ट्रेस कर लिया जाएगा. इधर हाल ही में कुमाऊं के ही खटीमा के सीमांत गांव झाऊपरसा और सुरई वन क्षेत्र से सटे बगुलिया में 13 मई और 25 मई को बाघ द्वारा दो व्यक्तियों को निवाला बनाने के बाद से ही ग्रामीणों में दहशत और भय का माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों का घर से निकलना और काम धंधे पर जाना दूभर हो गया है. वहीं वन विभाग द्वारा क्षेत्र में दिन-रात गश्त किया जा रहा है. दोनों घटना क्षेत्र में पिंजरा लगाकर ड्रोन कैमरे और कैमरा ट्रैप से बाघ के लोकेशन को लगातार खंगाला जा रहा है. लेकिन अभी भी बाघ वन विभाग हत्थे नहीं चढ़ा है.
2 ग्रामीणों की मौत के बाद से ही ग्रामीणों में भारी दहशत और भय का माहौल है. कई परिवार अपने घरों में ताला लगाकर घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं. वहीं घटनास्थल के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भी भय के माहौल से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. बाघ के दहशत और भय से आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आदमखोर हो चुका है और घटना के बाद से ही क्षेत्र में लगातार खौफ बना हुआ है.
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