उत्तराखंड

बागेश्वर के बिलौना में पुल से कूद कर एक किशोरी ने दी अपनी जान

Admin Delhi 1
28 Sep 2022 1:20 PM GMT
बागेश्वर के बिलौना में पुल से कूद कर एक किशोरी ने दी अपनी जान
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बागेश्वर: जनपद में इस बार पिछले दो माह में नदी में डूबने और बहने से छह लोगों की जानें जा चुकी हैं। बुधवार की सुबह कोतवाली अंतर्गत बिलौना में पुल से कूद कर एक किशोरी ने जान दे दी। जनपद में इस साल की बात की जाय तो इस बार बरसात के बाद नदी के तेज बहाव में कूदकर जान देने वालों की संख्या छह हो गई है। इससे पूर्व चौरासी के समीप दफौट क्षेत्र की एक युवती जो कि अपनी चाची के साथ बाजार आई थी, सरयू नदी में कूद गई थी जिसको बचाने के लिए उसकी चाची ने नदी में कूद लगाई लेकिन वह भी तेज प्रवाह में आकर बह गई। महिला का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया था। इसके अलावा एक युवक ने शराब के नशे में धुत होकर सरयू पुल से नदी में कूदकर आत्महत्या की थी, जिसका अब तक शव बरामद नहीं हो सका है। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति ने भी सरयू पुल से ही कूद कर आत्महत्या की थी। इसके अलावा विगत सप्ताह खुनौली निवासी एक पूर्व सैनिक ने बिलौना पुल से ही कूदकर अपनी जान दी थी। जबकि कपकोट में भी एक युवक ने सरयू नदी में कूद कर जान दी थी। इधर, बुधवार की सुबह एक किशोरी ने एक बार फिर सरयू नदी पर बने पुल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मई से सितंबर तक आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि होती है। क्योंकि इस वक्त प्रत्येक मानव का ब्रेन केमिकल में बदलाव होता है। इस दौरान प्रत्येक को चाहिए कि वह निराश व अकेलापन महसूस करने वाले व्यक्ति पर नजर रखें। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति दो माह पूर्व से संकेत देने लगता है तथा संसार छोड़ने की बात कहता है। – डॉ. पवन शर्मा, सदस्य, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, देहरादून

साइकोलाजिस्ट व मानसिक स्वास्थ्य के चिकित्सक डॉ. पवन शर्मा कहते हैं कि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति कुछ पहले संकेत देते हैं। यदि जीवन से तंग आ चुके व्यक्ति से बार बार पूछा जाय कि क्या तुम जिंदगी से तंग आ चुके हो तो वह सचेत होता है। इससे उसकी जीवन जीने के प्रति ललक बढ़ती है व आत्महत्या करने का विचार बदल सकता है।

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