उत्तराखंड

उत्तराखंड पुलिस के एक जवान ने 71 बार रक्तदान करके बचाई हैं कई जिंदगियां, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
14 Jun 2022 12:52 PM GMT
उत्तराखंड पुलिस के एक जवान ने 71 बार रक्तदान करके बचाई हैं कई जिंदगियां,  जानिए पूरी खबर
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देवभूमि चम्पावत न्यूज़: ऐसे में स्वस्थ लोग अगर रक्तदान करें तो किसी की जिंदगी बच सकती है और उसकी जिंदगी बचाने में हमारा एक बड़ा सहयोग हो सकता है। आज हम आपका परिचय उत्तराखंड के एक ऐसे ही पुलिस जवान से कराने जा रहे हैं जो अब तक 71 बार रक्तदान कर चुके हैं। हम बात करें हैं उत्तराखंड पुलिस के जवान कैलाश गौतम की जो की सुरक्षा के साथ ही बीमारों के जीवन बचाने का काम भी कर रहे हैं कॉन्स्टेबल कैलाश हर 3 महीने में एक बार रक्तदान करते हैं और अभी तक वह 71 बार रक्तदान कर चुके हैं। हरिद्वार के रुड़की के हनुमान कॉलोनी निवासी एवं चंपावत के रीठा साहिब थाने में तैनात कैलाश गौतम हर 3 महीने में एक बार रक्तदान करते हैं और कैलाश अभी तक 71 बार रक्तदान कर चुके हैं। इसके प्रमाण भी उनके पास है। उन्होंने 2004 में सबसे पहले रक्तदान किया था और तब एक गर्भवती महिला को रक्त की जरूरत थी।

इसके बाद उन्होंने एक बच्चे को रक्तदान किया और उनके रक्तदान से बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया तो उनको भी बेहद खुशी हुई और उन्हें लगा कि रक्तदान के जरिए वे कई लोगों के काम आ सकते हैं और कई लोगों का जीवन ही बचा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने प्रण लिया कि वह नियमित रूप से रक्तदान करेंगे और तब से वह अब तक लगातार रक्तदान कर रहे हैं। चिकित्सकों की सलाह पर वे हर 3 महीने में एक बार रक्तदान करते हैं। उन्होंने बताया कि रक्तदान के कारण ही वे स्वस्थ भी रहते हैं। कोरोना काल में उन्होंने रक्तदान किया था। और उन्होंने अपने परिवार को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया था। बीती 15 मई को उन्होंने 71वीं बार रक्तदान किया। कई लोगों को रक्तदान से डर लगता है और इससे जुड़े कई मिथक हमारे बीच में पल रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि इससे हमारे शरीर को कोई नुकसान हो जाएगा। बल्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। रक्तदान से शरीर को कोई भी नुकसान नहीं होता है। बल्कि कुछ जरूरतमंद लोगों की जान बचाने में हमारा योगदान जरूर हो जाता है और लोगों में इस बात का काफी भ्रम है कि रक्तदान करने से उनके शरीर में कमजोरी आ जाएगी और स्वास्थ्य पर काफी खराब असर पड़ेगा पर ऐसा कुछ नहीं है। जो रक्तदान हम दान करते है वह कुछ ही मिनटों में दोबारा से हमारे शरीर में बन जाता है। इसीलिए आप भी अधिक से अधिक रक्तदान करें और प्रियजनों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें।

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