उत्तराखंड

चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण बंद होने से हरिद्वार और ऋषिकेश में फंसे 9500 यात्री

Renuka Sahu
21 May 2022 4:02 AM GMT
9500 passengers stranded in Haridwar and Rishikesh due to closure of offline registration for Chardham Yatra
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फाइल फोटो 

चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण रोक दिया गया है। बिना पंजीकरण ऋषिकेश से ऊपर यात्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण रोक दिया गया है। बिना पंजीकरण ऋषिकेश से ऊपर यात्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है।ऐसे में ऋषिकेश और हरिद्वार में ही साढ़े नौ हजार तीर्थयात्री फंस गए हैं। सभी के होटल, धर्मशाला, लॉज में शरण लेने के कारण ऋषिकेश, हरिद्वार पूरी तरह पैक हैं।

ऋषिकेश से सात सौ यात्री रिजर्व कोटे से भेजे
रिजर्व कोटे से इमरजेंसी फोटो रजिस्ट्रेशन कर शुक्रवार को सात सौ यात्रियों को चारधाम भेजा गया। करीब सवा तीन हजार से अधिक यात्री अभी भी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से ऋषिकेश में डेरा डाले हैं। फोटो पंजीकरण केंद्र के प्रभारी प्रेमअनंत ने बताया कि शुक्रवार शाम चार बजे ऋषिकेश, भद्रकाली और शिवपुरी मेें इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन कर रिजर्व कोटे से सात सौ यात्रियों को भेजा गया। एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि यात्रियों को धर्मशालाओं, आश्रम में ठहराया जा रहा है।
सीएम पुष्कर धामी ने कहा, 'मैं चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूं कि वे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्ण करें। इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कर चिकित्सक से परामर्श के बाद ही यात्रा प्रारंभ करें। प्रदेश सरकार पूरी तत्परता के साथ श्रद्धालुओं की सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है।'
ऑफलाइन पंजीकरण की अब सख्त व्यवस्था
पर्यटन विभाग ने ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था को और सख्त बना दिया है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि अब ऑफलाइन पंजीकरण सिर्फ एक सप्ताह के भीतर का ही होगा। एक सप्ताह से अधिक समय का पंजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।
बढ़ रहा यात्रा का खर्च
ऋषिकेश, हरिद्वार में रुके तीर्थ यात्रियों का पैसा भी तेजी से खर्च हो रहा है। होटल, धर्मशाला, लॉज का किराया, खाने का पैसा देने में उनकी तय रकम खर्च होती जा रही है। इसके कारण कई लोगों के लिए अब अधिक दिन रुकना मुश्किल भरा होता जा रहा है।
असमंजस: इंतजार करें या वापस लौट जाएं
ऑफलाइन पंजीकरण कर यात्री जुलाई, अगस्त की बुकिंग करा कर सीधे यात्रा पर निकल जा रहे थे। इसके कारण धामों में तय संख्या से अधिक यात्री पहुंच रहे थे। इससे पर्यटन विभाग ने ऑफलाइन पंजीकरण को फिलहाल सात दिन के लिए बंद कर दिया है। 27 मई तक बुकिंग के स्लॉट भी पैक हैं। इससे ऋषिकेश और हरिद्वार में यात्रियों की भीड़ अधर में फंस गई है। सभी के सामने सिर्फ दो विकल्प बचे हैं। या तो वे 27 मई तक बुकिंग खुलने का इंतजार करें या फिर वापस लौट जाएं। कुछ यात्री जल्द लौटने को तैयार नहीं हैं। वहीं, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार का कहना है कि फंसे हुए श्रद्धालुओं को निकाला भी जा रहा है।
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