उत्तराखंड

बिल्डर को दिए 90 लाख, रजिस्ट्री हुई किसी और के नाम पर

Admin Delhi 1
25 Jun 2022 7:35 AM GMT
बिल्डर को दिए 90 लाख, रजिस्ट्री हुई किसी और के नाम पर
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देहरादून प्रॉपर्टी फ्रॉड न्यूज़: अब तक देहरादून में फ्लैट दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अगर आप भी देहरादून में जमीन या फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो ज़रा सावधान हो जाएं। यहां पर आपको लूटने के लिए बिल्डर, जमीन मालिक, बैंक प्रबंधक और बिचौलिया समेत कई लोग बैठे हुए हैं। अब यहां पर 2 और लोगों के साथ फ्लैट दिलाने के नाम पर 90 लाख की धोखाधड़ी हुई है। ऑर्टिगो रेजीडेंसी नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट में दो लोगों से इन लोगों के रैकेट ने फ्लैट दिलाने के नाम पर 90 लाख रुपए ठग लिए। मामला थाना राजपुर क्षेत्र का बताया जा रहा है। यहां एसए बिल्डटेक बिल्डर ने मालसी में ऑर्टिगो रेजीडेंसी नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट में दो पीड़ितों को फ्लैट दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर डाली। आरोपियों ने दोनों ग्राहकों से फ्लैट बेचने का सौदा किया और फिर लोन लेकर किसी दूसरे को बेच दिया। वहीं, पुलिस ने दोनों पीड़ितों की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है।

पीड़ितों की पहचान अतुल शर्मा निवासी श्रीरामपुरम कांवली रोड और आशा रावत निवासी विजय पार्क एक्सटेंशन के रुप में हुई है। इन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने बताया कि दोनों ने अलग-अलग एसए बिल्डटेक बिल्डर मालसी में ऑर्टिगो रेजीडेंसी नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट में अलग-अलग फ्लैट खरीदने के लिए डील की थी। बिल्डर ने फ्लैट बनाने पर अलॉट करने का पत्र भी दिया और इस पत्र पर आईसीआईसीआई बैंक से लोन स्वीकृत कराया गया। वहीं, बैक ने रजिस्ट्री हुए बिना ही लोन की रकम बिल्डर के खाते में भेज दी। लोन जारी होते वक्त बिल्डर ने कहा था कि वो कब्जा देने तक खुद किस्त देगा। कुछ महीने तक लोन की किस्त दी गई, लेकिन इसके बाद लोन चुकाना बंद कर दिया गया। बाद में पता चला कि आशा रावत को जो फ्लैट मिलना था, उसकी रजिस्ट्री किसी अन्य को कर दी गई। वहीं पुलिस ने बताया कि दोनों पीड़ितों की तहरीर के आधार पर एसए बिल्डटेक के निदेशक प्रेम दत्त शर्मा, आराधना शर्मा, सुनीता शर्मा और अरुण सहगल निवासी नई दिल्ली और जमीन मालिक सुनील अग्रवाल, बिचौलिया गौरव आहूजा के साथ आईसीआईसीआई बैंक के तत्कालीन प्रबंधक और कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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