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पश्चिम बंगाल के रहने वाले अकबर अली 2019 में अपनी शादीशुदा बेटी से मिलने नोएडा सेक्टर -45 सलारपुर गांव आता है और उसने पड़ोस में रहने वाली साढ़े तीन साल की की मासूम को टॉफ़ी दिलाने के बहाने घर लाता है और उसके साथ digital rape करता है. अकबर अली की हरकतों से डरी सहमी बच्ची अपने घर पहुँचती है और परिवार वालों को आप बीती सुनाती है और उसके बाद घर वाले थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ तहरीर दी। बाद में पुलिस ने मासूम बच्ची का मेडिकल कराया जिसमें रेप की पुष्टि होती है और उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
Digital Rapeके दोषी अकबर अली को नोएडा की सूरजपुर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है और साथ ही 50 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया है। देश में ये इस तरह का पहला मामला है ,जहां किसी आरोपी को Digital rape में सजा सुनाई गयी है.
बताया गया है कि 2019 में पीड़िता के परिवार वालों ने FIR दर्ज कराई थी और मेडिकल के बाद रेप की पुष्टि हुई थी और आरोपी को गिरफ्तार किया गया था और तभी से अकबर अली जेल में है. आरोपी ने हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट दोनों जगह अंतरिम जमानत की अर्जी दी थी जो कोर्ट ने ख़ारिज कर दी। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश अनिल कुमार सिंह ने आरोपी को परिस्थिति जन्य साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट, जांच अधिकारी ,परिजनों और पड़ोसियों की गवाही पर दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
जैसा सुनने में लगता है वैसा अपराध है नहीं,बल्कि ये वो अपराध है जिसमे reproductive organ की जगह किसी की मर्जी के बिना उँगलियों या हाथ पैर के अंगूठे से जबरन penetration किया गया हो। यहाँ Digit का मतलब उन्ही फिंगर, थंब,या पैर के अंगूठे से है और इसी वजह से इसे डिजिटल रेप कहा जाता है. 2013 के पहले इसे छेड़खानी समझा जाता था लेकिन 2012 निर्भया कांड के बाद इसे कानूनी मान्यता दे दी गयी।
Admin4
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