न्यूज़ क्रेडिट:amarujala
नैनीताल में गुरुवार रात से हो रही बारिश आज भी परेशानी का सबब बनी हुई है। सुबह नैनीताल-भवाली रोड पर पाइंस के पास भारी भूस्खलन हो गया। भूस्खलन के कारण सड़क का 50 मीटर हिस्सा पूरी तरह जमींदोज हो गया। इसके बाद से यहां यातायात ठप है।
भूस्खलन की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल और एसएसपी पंकज भट्ट ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि पाइंस स्थित पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटने से यह स्थिति पैदा हुई है।
फिलहाल इस रोड पर चलने वाले वाहन वाया ज्योलीकोट होकर चलेंगे। कहा कि सड़क को बनने में लगभग हफ्ते भर का समय लग सकता है। जिलाधिकारी ने बताया कि जो पहाड़ी क्षतिग्रस्त हुई है उसी के पास आईटीआई और विद्युत विभाग की आवासीय कॉलोनी भी है। विभागीय अधिकारियों को पूरे क्षेत्र का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।
पहाड़ में बारिश आफत बनकर बरस रही है। बारिश से जगह-जगह मार्गों में मलबा आने से 193 मार्ग बंद हो गए हैं। खटीमा में निर्माणाधीन मकान के क्षतिग्रस्त होने से मकान में दो लोग दब गए जबकि अल्मोड़ा जिले के छांतरिया रेंज कार्यालय पर चीड़ का पेड़ गिरने से कार्यालय भवन का 50 प्रतिशत हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
वहीं, बारिश के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाली घट्टाबगड़-लिपुलेख सड़क और तवाघाट-सोबला सड़क तीन दिन से बंद है। इस कारण सीमांत के ग्रामीणों और सुरक्षा एजेंसियों को काफी परेशानी हो रही है।
देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल जैसे जिलों में अगले 24 घंटे में कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट भी जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 31 जुुलाई तक मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना है।
भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए देहरादून की डीएम सोनिका ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। डीएम ने कहा कि यदि आपदा प्रबंधन में लापरवाही बरती गई तो संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। वहीं, गंगोत्री हाईवे सुबह बंदरकोट में मलबा आने से बंद हो गया।