नैनीताल न्यूज़: देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि समस्याओं में शिक्षकों के 40 फीसदी से अधिक पद खाली हैं. इससे शैक्षणिक गतिविधियों पर तो असर पड़ ही रहा है, साथ ही विवि की चमक भी फीकी हो रही है. विवि को राज्य सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता में भी कमी आयी है.
जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय का कभी देश-दुनिया में बड़ा नाम था. पंत विवि को हरित क्रांति के जनक का भी नाम मिला था. वहीं कृषि विवि इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के बाद उनके पद लंबे समय से भरे नहीं गए हैं. अन्य स्टाफ की भी कमी है. इसका मुख्य कारण विवि को सरकार से अपेक्षित मदद नहीं मिल पाना भी है. कभी 14 हजार एकड़ में फैले विवि की भूमि लगातार दूसरे प्रायोजनों के लिए हस्तांतरित की जा रही है. इससे विवि का दायरा सिमटता जा रहा है. पूर्व में इसे लेकर विरोध के स्वर भी उभरे थे.
पद रिक्त पंत विवि में शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 774 हैं, जबकि वर्तमान में कुल 365 शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में शिक्षकों के 319 पद रिक्त चल रहे हैं यानी 40 फीसदी से अधिक पद खाली हैं.
इसी तरह तृतीय श्रेणी के कुल 380 पद हैं. इसमें 140 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 240 पद रिक्त चल रहे हैं. सीनियर रिसर्च फेलो 20 तथा जूनियर रिसर्च फेलो तीन हैं. वहीं ठेका कर्मियों की संख्या 1760 है. ऐसे में शिक्षकों और अन्य स्टाफ की कमी से शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं.
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कवायद चल रही है. शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. तकनीकी कारणों से शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में लंबित थी.
-एमएस नेगी
मुख्य कार्मिक अधिकारी, पंत विवि