उत्तराखंड
सुंदरढूंगा ग्लेशियर गए 4 ट्रैकरों की मौत, उच्च हिमालय में फंसे 40 पर्यटक किए रेस्क्यू
Deepa Sahu
21 Oct 2021 6:19 PM GMT
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बागेश्वर के सुंदरढूंगा ग्लेशियर की ट्रैकिंग पर गए चार ट्रैकरों की मौत की सूचना है।
बागेश्वर के सुंदरढूंगा ग्लेशियर की ट्रैकिंग पर गए चार ट्रैकरों की मौत की सूचना है। दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। कफनी ग्लेशियर गया 20 ट्रैकरों का दल भी लापता है। पिंडारी ट्रैकिंग रूट पर द्वाली में फंसे 42 लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित निकाल लिया है। इनमें कुछ विदेशी ट्रैकर भी बताए जा रहे हैं। सरमूल में भी कुछ लोग फंसे हुए थे। उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से खोज एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी है।
जिला प्रशासन को बुधवार की रात द्वाली के केएमवीएन गेस्टहाउस में ट्रैकरों समेत 34 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली थी। इनमें 18 देशी पर्यटक, छह विदेशी पर्यटक शामिल थे। द्वाली में पिंडर नदी पर बनाए गए अस्थायी पुल बहने से यह लोग वापस खर्किया नहीं लौट पा रहे थे। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि सुंदरढूंगा ग्लेशियर 10 लोगों का दल गया था। इनमें से चार लोग बुधवार को द्वाली लौटे थे। इन लोगों के अनुसार सुंदरढूंगा में कुछ लोगों की मौत हुई है। दो लोग लापता है। डीएम ने बताया कि कफनी ग्लेशियर गए 20 लोग भी लापता हैं।
इनमें पर्यटकों के साथ ही गाइड और पोर्टर भी शामिल हैं। सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिये सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सुंदरढूंगा के लिए एसडीआरएफ की टीम के साथ ही मेडिकल टीम रवाना कर दी है। डीएम के अनुसार जैसे ही लापता ट्रैकरों का पता चलता है, उनके लिए हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट गिराए जाएंगे। इधर, द्वाली में फंसे लोगों को लाने के लिए जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार की सुबह 5 बजे कपकोट से एसडीआरएफ की टीम द्वाली के लिए रवाना कर दी थी। शाम को द्वाली से 42 लोगों को सुरक्षित खर्किया पहुंचा दिया था। द्वाली में लोनिवि अस्थायी पुलिया तैयार करने में जुट गया है।
बुग्यालों में फंसे हैं 20 भेड़ पालक, सरमूल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला
कपकोट के एसडीएम पारितोष वर्मा ने बताया कि खातीगांव से ऊपर बुग्यालों में 20 भेड़पालक फंसे हुए बैं। उन्हें खातीगांव लाया जा रहा है। सरमूल में भी कुछ पर्यटक फंसे थे, उन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
संचार सेवा न होने से सूचनाएं नहीं मिल पा रही
पिंडारी ग्लेशियर ट्रैकिंग रूट पर संचार सेवा काम नहीं करती है। न ही इस रूट पर पढ़ने वाले गांवों में सेटेलाइट फोन की सुविधा है। वर्ष 2013 के जलप्रलय में पिंडारी ट्रैकिंग रूट पर जबरदस्त तबाही मची थी। बावजूद इसके पिंडारी ट्रैकिंग रूट पर संचार नेटवर्क पुख्ता नहीं किया गया।
प्रशासन के पास भी नहीं है पुख्ता जानकारी
सुंदरढूंगा में हताहत, कफनी ग्लेशियर में फंसे ट्रैकरों के बारे में प्रशासन सटीक जानकारी नहीं दे पाया। यह ट्रैकर कब वहां गए, कहां के हैं, ट्रैकिंग की अनुमति ली थी, या नहीं, इसकी भी जानकारी प्रशासन देने में नाकाम रहा। कपकोट के एसडीएम पारितोष वर्मा का कहना है कि शुक्रवार तक इस सब की जानकारी मिल जाएगी। फिलहाल प्रशासन का पूरा ध्यान ट्रैकरों की तलाश और उन्हें सुरक्षित निकालने पर लगा हुआ है।
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे 40 पर्यटक किए रेस्क्यू
उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फंसे 46 पर्यटकों में से 40 पर्यटकों को सेना ने रेस्क्यू कर लिया है। इनमें से 27 पर्यटक व्यास घाटी से चीनूक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करके पिथौरागढ़ लाए गए जबकि दारमा घाटी में फंसे 19 पर्यटकों में से गर्भवती समेत 13 पर्यटकों को सेना ने धारचूला सुरक्षित पहुंचाया। इसके अलावा छह स्थानीय लोगों को भी सेना ने रेस्क्यू किया है। 29 पर्यटक अब भी ढाकर हेलीपेड में फंसे हैं, जिन्हें भी जल्द ही सेना रेस्क्यू करेगी।
जिले उच्च हिमालयी क्षेत्र के दारमा और व्यास घाटी में सड़क मार्ग बंद होने से फंसे 27 पर्यटकों को बृहस्पतिवार को वायु सेना के चीनूक एवं एएलएस हेलीकॉप्टर से नैनीसैनी हवाई पट्टी लाया गया। वहीं सेना के एएलएस हेलिकॉप्टर से दारमा घाटी से एक गर्भवती महिला और चार लोगों को नैनीसैनी लाया गया। तीन बीमार व्यक्तियों समेत सात व्यक्तियों को सेना के हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर बरेली पहुंचाया गया। रेस्क्यू कार्य के दौरान डीएम डॉ. चौहान, एसपी लोकेश्वर सिंह, तहसीलदार पंकज चंदोला समेत सेना के अधिकारी नैनीसैनी हवाई पट्टी में मौजूद रहे।
दारमा घाटी में प्रसिद्ध पंचाचूली ग्लेशियर घूमने गए करीब 80 पर्यटक बंद सड़कों के चलते तीन दिन से फंसे थे। बृहस्पतिवार को वायुसेना के एएलएच हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। दारमा घाटी के ढाकर हेलीपेड से सेना के हेलीकॉप्टर ने कुल 42 पर्यटकों में से 13 पर्यटकों को धारचूला पहुंचाया। साथ ही छह स्थानीय लोगों को भी रेस्क्यू किया। 29 पर्यटक अब भी ढाकर हेलीपेड में फंसे हैं। डीएम डॉ. चौहान ने बताया 22 अक्तूबर को भी वायु सेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर से राहत-बचाव अभियान चलाकर फंसे हुए पर्यटकों और लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा।
तीन बीमारों को किया रेस्क्यू
डीएम डॉ. चौहान के अनुरोध पर पर राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से डेढ़ माह की बीमार बच्ची समेत तीन अन्य बीमार लोगों को हल्द्वानी छोड़ा गया। हेलीकॉप्टर से वड्डा निवासी डेढ़ माह के सार्थक पुत्र दीनू देवी को उपचार के लिए हायर सेंटर हल्द्वानी छोड़ा गया। विगत दिनों जिले में हुई भीषण बारिश के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के चलते एक डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, पुलिस की टीम को दारमा के तिदांग पहुंचाया गया जहां दो शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
पर्यटकों ने जताया आभार
दुग्तु में फंसे पर्यटकों सकुशल रेस्क्यू करने पर वायुसेना, जिलाधिकारी ,ग्राम प्रधान दान्तु जमन दताल, महेश दताल और सभी सहयोगी जनों का आभार प्रकट किया। दुग्तु में फंसे 42 पर्यटकों को कुमाऊं स्काउट के पोस्ट इंचार्ज हवलदार गोविंद सिंह के नेतृत्व में सेना के वाहन से आठ किमी दूर ढाकर हेलीपैड पहुंचाया गया। यहां से 13 पर्यटकों को भेजा गया जबकि 29 अब भी यहां फंसे हैं, जिन्हें कल भेजा जाएगा। धारचूला हेलीपेड में पर्यटकों के पहुंचने पर 832 लाइट रेजीमेंट के जवानों ने उनके चाय-नाश्ते की व्यवस्था की।
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