उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनती जा रह रही है। भारी बरसात के बाद लोगों की परेशानियां भी बढ़ गईं हैं। बुधवार को टिहरी जिले में कार नदी में गिर गई जिसमें नदी मे बहकर लोग लापता हो गए। हादसे के वक्त मेरठ निवासी चार लोग केदारनाथ यात्रा के लिए निकले थे।
देहरादून में भारी बरसात के बाद उफनाए नाले में दो बच्चियां तेज बहाव में बह गईं। एक लड़की का शव बरामद कर लिया गया है। लड़कियों की पहचान रचना (8 वर्ष ) और खुशी (7 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम दूसरी लड़की के लिए खोजबीन करने में जुटी हई है।
नई टिहरी में सुबह के वक्त मुनिकीरेती थानाक्षेत्रार्न्गत कौड़ियाला से लगभग 2 किमी पहले एक कार नदी में गिर गई। जिसमें मेरठ निवासी चार लोग जो केदारनाथ यात्रा के लिए निकले थे, नदी मे बहकर लापता हो गये हैं। मौके पर सुबह से ही पुलिस, जल पुलिस व एसडीआएफ की टीम इन लोगों के खोज-बीन में लगी है। खबर लिखे जाने तक चारों का पता नहीं चल पाया है।
पुलिस की मीडीया सेल से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह के वक्त सफेद रंग की आल्टो कार कौड़ियाला के समीप नदी में जा गिरी है। कंट्रोल रूम को मिली सूचना के बाद पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस को तत्काल मौके पर भेजा गया। घटना की सूचना पर एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह भी भुल्लर भी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने खोज-बीन अभियान को तेज करने के निर्देश दिये हैं। घटनास्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अत्यधिक विषम परिस्थतियों में रोप की सहायता से खाई में उतर कर नदी के किनारे तक पहुंच बनाते सर्चिंग कि गई ,जिस दौरान टीम को नदी किनारे गाड़ी की नम्बर प्लेट, कैरी बैग, मोबाइल व आधार कार्ड मिले जिससे पता चला कि गाड़ी नदी में गिर गई है।
नदी का जलस्तर बढ़ा होने व बहाव अत्यधिक तेज होने के कारण पोस्ट ढालवाला से डीप डाविंग टीम को भी मौके पर बुलाया गया। उक्त दोनों टीमों द्वारा सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। वाहन की नंबर प्लेट से वाहन स्वामी निखिल का पता चला है। जिससे प्राप्त जानकारी से आल्टो कार लेकर उनके चाचा पंकज शर्मा चार लोगों के साथ 10 जुलाई को केदारनाथ यात्रा के लिए निकले थे।
कार के नदी में समाने से शास्त्री नगर मेरठ निवासियों में पंकज शर्मा (52) पुत्र ओम प्रकाश शर्मा, गुलवीर जैन (40) पुत्र दर्शन लाल जैन और नितिन (25) पुत्र राजेश और काजीपूर मेरठ निवासी हर्ष गुर्जर (19) पुत्र संजय निवासी लापता है। जिनकी खोजबीन सुबह से ही की जा रही है। दुर्घटना की सूचना सभी के परिजनों को पुलिस ने दे दी है।
कर्णप्रयाग में अतिवृष्टि, कई घरों में घुसा मलबा और बारिश का पानी
कर्णप्रयाग। तहसील के कई इलाकों में मंगलवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि के चलते कई घरों में बारिश का पानी और मलबा घुसा। नगर के आईटीआई वार्ड, जयकंडी और लंगासू में लोगों ने रतजगा किया। घरों में मलबा घुसते देख लोग अपने घरों को छोड़ बाहर भागे। हालांकि प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में बताया।
मंगलवार रात्रि को बारिश से आईटीआई वार्ड में मुकेश अग्रवाल, सोहन नौटियाल सहित आस पास के घरों में भारी मात्रा में मलबा और बारिश का पानी घुस गया। करीब एक बजे रात्रि से लोगों ने रतजगा किया। वहीं जयकंडी में प्राइमरी स्कूल, एसजीआरआर के परिसर मलबे की चपेट में आ गए। यहां आस पास के आवासीय घरों में भी मलबा जा घुसा।
आईटीआई के लोगों का कहना है कि लोनिवि द्वारा सड़क पर नाली और स्क्रबरों की निकासी घरों के ऊपर कर दी गई है।वहीं जयकंडी में भी ग्रामीणों ने कहा कि ऑलवेदर रोड बनाने वालों ने बस्ती के ठीक ऊपर स्क्रबर बना दिया है। जिससे आए दिन पूरा पानी और मलबा घरों में घुस रहा है। लंगासू में कैलाश खंडूड़ी, मातवर सिंह राणा ने बताया कि मंगलवार रात्रि को बारिश का मलबा उनके घरों में घुस गया।
जिसके चलते वो रात को अपने घरों को छोड़ बाहर भाग गए। उद्यमी ईश्वरी मैखुरी ने बताया कि बारिश के चलते मिनी उद्योग केंद्र जयकंडी में मलबे से भारी नुकसान हुआ है। वहीं तहसीलदार एसएस देव ने बताया कि आईटीआई वार्ड और अन्य जगह बारिश के पानी की शिकायत आई है। आईटीआई वार्ड के नीचे भूस्खलन भी हो रहा है। प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर लिया गया है जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
ऋषिकेश में बारिश से जलभराव, बिजली गुल
ऋषिकेश। तीर्थनगरी में बुधवार को झमाझम बारिश राहत और मुसीबत दोनों लेकर आई। बारिश से पारा लुढ़कने के कारण गर्मी से राहत मिली। लेकिन जलभराव के कारण शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। बरसाती पानी सड़कों पर बहने से लोगों को आवाजाही में मुश्किलें झेलनी पड़ीं।
बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी। पैदल राहगीर भी परेशान रहे। बारिश और हवा से कई जगह पेड़ों की शाखाएं टूटकर तारों पर गिरने से बिजली भी गुल रही। बारिश के कारण बुधवार नालियां चौक होने से बरसाती पानी शहर की सड़क पर बहता रहा। इससे वाहन चालकों को दिक्कतें हुईं। कई दुपहिया चालक गड्ढों में फंसकर चोटिल भी हुये।
बरसाती पानी की निकासी न होने से शहर के अधिकांश मार्ग तालाब में तब्दील हो गए। पैदल यात्रियों को सड़क पर चलना मुसीबत बना। अधिकांश मार्गों पर बरसाती पानी से बहकर आये कूड़े के ढ़ेर जमा हो गए हैं। झमाझम बारिश से गर्मी से लोगों को जरूर राहत मिली। बीते दो दिनों से शहरवासी गर्मी से बेहाल थे। उधर, बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। सिंचाई के संकट के चलते धान की रोपाई नहीं कर पा रहे ग्रामीणों को बरसात से राहत मिली है।
श्रीनगर में अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से घाट डूबे
श्रीनगर। श्रीनगर में बुधवार को अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए। सुबह के समय अलकनंदा नदी के उफान पर रही। सुबह आठ बजे जलस्तर 534.98 मीटर रहा। जबकि यहां चेतावनी स्तर 535 और खतरे का स्तर 536 मीटर है। सुबह 10 बजे के बाद जलस्तर में कमी देखी गई। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की ओर से नदी किनारे के इलाकों में जलस्तर बढ़ने से संभावित खतरे के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
पहाड़ी गिरने से महिला की दर्दनाक मौत
ऊखीमठ। बरसाती सीजन में पहाड़ों से चट्टान और पत्थर गिरने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे कई लोगों की जान चली जा रही है। बुधवार को ऊखीमठ के निकट किमाणाधार में चट्टान गिरने से इसकी चपेट में आई एक महिला की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह कुंड-चमोली राजमार्ग पर ऊखीमठ के निकट किमाणा धार में अचानक चट्टान टूट गई जिससे सड़क पर चल रही 75 वर्षीय मंगली देवी निवासी डुंगर की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। थाना प्रभारी ऊखीमठ राजीव चौहान ने बताया कि डुंगर निवासी मंगली देवी अपने गांव डुंगर से ऊखीमठ बाजार आ रही थी कि अचानक हादसे का शिकार हो गई। पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर शव बरामद करते हुए पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया।