उत्तराखंड
4 मवेशी जिंदा दफन, भूस्खलन से बुढ़ना गांव में गौशाला ध्वस्त
Gulabi Jagat
28 July 2022 8:57 AM GMT
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रुद्रप्रयागः पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं. रुद्रप्रयाग के दूरस्थ बुढ़ना गांव में बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक गौशाला ध्वस्त हो गई और 4 मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गए. वहीं, केदारनाथ हाईवे 4 स्थानों पर बंद है. केदारनाथ हाईवे के जगह-जगह बंद होने से केदारनाथ धाम से आने-जाने वाले तीर्थ यात्री भी फंसे हुए हैं. इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे के सिरोहबगड़ में लगातार ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन हो रहा है. ऐसे में यहां पर सफर करना खतरे से खाली नहीं रह गया है.पहाड़ों में अब बारिश के बाद भूस्खलन होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं अधिक हो रही हैं. जिले के दूरस्थ गांव बुढ़ना में बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण एक गौशाला ध्वस्त हो गई और गौशाला के अंदर बंधे चार मवेशी मलबे में जिंदा दफन हो गए. गौशाला से मलबा हटाने का कार्य जारी है. यहां डीडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं.रेस्क्यू कार्य जारीः जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बुढ़ना गांव में गौशाला ध्वस्त होने की सूचना मिलने के बाद तुरंत डीडीआरएफ की टीम को रवाना किया गया. डीडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है.भूस्खलन की चपेट में केदारनाथ हाईवेः बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे पर भी जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. हाईवे रामपुर, सिल्ली, बांसबाड़ा, मुनकटिया आदि स्थानों पर सुबह से बंद है. यहां केदारनाथ धाम से आने-जाने वाले तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. फिलहाल सभी स्थानों पर जेसीबी मशीनों के जरिए हाईवे को खोलने का कार्य जारी है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण बंद केदारनाथ हाईवे को खोलने का कार्य किया जा रहा है. कुछ स्थानों पर राजमार्ग को खोल दिया गया है, जबकि रामपुर में भारी मात्रा में मलबा आया है, जिसे हटाने का कार्य जारी है.
ये भी पढे़ंःखतरे के निशान से ऊपर बह रही अलकनंदाः रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है. नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदी किनारे के सभी घाट और पैदल आने-जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए हैं. बारिश इसी प्रकार होती रही तो नदी डेंजर लेवल को पार कर जाएगी और लोगों के घरों तक पानी घुसना शुरू हो जाएगा. फिलहाल, नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई है.शिवमूर्ति हुई जलमग्नः बेलणी पुल के नीचे बनी दस फीट ऊंची शिव की मूर्ति भी जलमग्न हो चुकी है. कल तक इस मूर्ति के आधे हिस्से तक पानी बह रहा था. मगर आज मूर्ति पूरी तरह जलमग्न हो गई है. अलकनंदा नदी का खतरे का निशान 626 मीटर है, लेकिन नदी इस निशान से ऊपर बह रही है. प्रशासन अलर्ट पर है और जगह-जगह डीडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं.
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