उत्तराखंड
उत्तराखंड के 38 नगरों को मिलेगा भरपूर पीने का पानी, तैयार की गई 1600 करोड़ की पेयजल योजना
Renuka Sahu
18 Dec 2021 5:40 AM GMT
x
फाइल फोटो
उत्तराखंड के 38 छोटे शहरों की पेयजल व्यवस्था सुधारने को 1600 करोड़ की पेयजल योजना तैयार की गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड के 38 छोटे शहरों की पेयजल व्यवस्था सुधारने को 1600 करोड़ की पेयजल योजना तैयार की गई है। जायका में प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। केंद्र सरकार के समक्ष प्रोजेक्ट रखा गया है। फेस वन में 38 शहर लिए जा रहे हैं। फेज दो में 18 शहर लिए जाएंगे। फेज वन में 1600 करोड़ और फेज दो में 1000 करोड़ खर्च होंगे। फेज वन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जा चुका है। इस प्रोजेक्ट में नई पाइप लाइन, पम्पिंग प्लांट, ट्यूबवेल, डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम, पम्पिंग स्टेशन, वॉटर मीटरिंग का काम होगा। जिन शहरों में पानी का संकट है, उसे दूर किया जाएगा। जहां पानी का सिस्टम कमजोर है, उसे मजबूत किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखकर डीपीआर तैयार की गई हैं।
पेयजल निगम के मुख्य अभियंता एससी पंत ने बताया कि राज्य के ऐसे शहरों पर फोकस किया गया है, जहां पेयजल की दिक्कत है। इसमें छोटे छोटे शहरों को लिया गया है। 38 शहरों की डीपीआर पूर्व में बनाई गई थी। उन्हें अब बस मौजूदा रेट के हिसाब से रिवाइज किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से छोटे शहरों का पेयजल सिस्टम मजबूत हो जाएगा।
इन शहरों को मिलेगा लाभ
भिकियासैंण, रानीखेत, द्वाराहाट, अल्मोड़ा, बागेश्वर, गैरसैंण, थराली, नंदप्रयाग, जोशीमठ, पीपलकोटी, गोपेश्वर, लोहाघाट, पिरान कलियर, शिवालिक नगर, भगवानपुर, लक्सर, लंढौरा, झबरेड़ा, भवाली, भीमताल, कालाढूंगी, बेरीनाग, गंगोलीहाट, चमियाला, चंबा, घनसाली, लंबगांव, कीर्तिनगर, टिहरी, तिलवाड़ा, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ, अगस्त्यमुनी, बड़कोट, चिन्यालीसौड़, पुरोला, नौगांव, जसपुर
छह लाख आबादी तक पहुंचेगा लाभ
इस प्रोजेक्ट से पहले चरण में छह लाख आबादी को लाभ मिलेगा। एक लाख घरों तक पानी पहुंचेगा। इसमें खास बात ये है कि अधिकतर शहर पहाड़ी क्षेत्रों के हैं। छोटे-छोटे शहरों पर पहली बार फोकस गया है। ताकि पहाड़ के दूर दराज के छोटे शहरों को भी लाभ मिल सके। इसके साथ ही हरिद्वार के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
Next Story