उत्तराखंड

प्रदेश की 274 सड़कें बंद, सात जिलों में बहुत भारी बारिश का येलो अलर्ट

Admin4
1 Aug 2022 9:42 AM GMT
प्रदेश की 274 सड़कें बंद, सात जिलों में बहुत भारी बारिश का येलो अलर्ट
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न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 24 घंटे में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश की संभावना है।

उत्तराखंड में बीते तीन दिन से मौसम खराब बना हुआ है। आज भी देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार है। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञानियों ने येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ कहीं-कहीं भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है। साथ ही मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे के भीतर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना भी जताई है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 24 घंटे में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश की संभावना है। इस संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। वहीं, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे सिरोहबगड़ में यातायात के लिए खोल दिया गया है।

प्रदेश में एक नेशनल हाईवे समेत 274 सड़कें बंद

प्रदेश में बीते 24 घंटों में हुई भारी बारिश के बाद सड़कों पर मलबा और बोल्डर आने से एक नेशनल हाईवे समेत 274 सड़कें बंद हो गईं। इसके चलते पर्वतीय क्षेत्रों में जहां-तहां यात्री फंसे रहे। रविवार को 76 सड़कों को खोला जा सका। पहली बार सड़कों को खोलने के काम में तीन सौ से अधिक मशीनों को लगाया गया है।

भारी बारिश के चलते श्रीनगर नेशनल हाईवे तोताघाटी में स्लिप और बोल्डर आने से बंद हो गया। लोनिवि की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में एक नेशनल हाईवे, 16 स्टेट हाईवे, 9 मुख्य जिला मार्ग, 5 अन्य जिला मार्ग, 88 ग्रामीण सड़कें और 155 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं।

सड़कों को खोलने के काम में 305 जेसीबी मशीनों को लगाया गया है। बंद हुए प्रमुख राज्य मार्गों में कमद-अयारखाल मोटर मार्ग, सिलक्यारा-बनगांव-चपरा सरोट, लंबगांव-घनसाली, नरेंद्रनगर-रानीपोखरी, गुल्लर-शिवपुरी, रुद्रप्रयाग- पोखरी गोपेश्वर, थराली-वाण, कर्णप्रयाण-सोनला, आदिबद्री-नौटी, उत्तरकाशी-तिलवाड़ा, गुप्तकाशी-चौमासी, बांसवाड़ा-मोहनखाल, मक्कू-भीरी आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।


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