लखनऊ न्यूज़: लोक निर्माण विभाग के 2008, 2009 और 2010 में अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता पद पर पदोन्नत होने वालों के लिए बुरी खबर है. उन्हें अब पदावनत होना होगा. हाईकोर्ट ने ऐसे 200 अभियंताओं की प्रोन्नति को निरस्त कर दिया है. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने इसे अपनी जीत बताया है.
शासन एवं विभाग द्वारा सहायक अभियंता पद पर 2 अगस्त 2008 को की गई 95 नियम विरुद्ध प्रोन्नति को निरस्त कर दिया गया है. यह वर्तमान में अधिशासी अभियंता पद पर पदोन्नति प्राप्त कर चुके है. यह सभी पदावनत होंगे. इसी प्रकार सहायक अभियंता पद पर 3 जुलाई 2009 को की गई 27 प्रोन्नति को भी निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने अपने आदेश में 5 फरवरी 2010 को 78 पदों पर की गई डीपीसी को भी निरस्त कर दिया है.
संघ लगातार करता रहा विरोध डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी का आरोप है कि विभाग ने तीन चरणों में अभियंताओं की नियम विरुद्ध पदोन्नति की. संघ द्वारा पदोन्नति कोटे में रिक्तियों के आगणन को लेकर बताया गया कि चयन वर्ष के प्रथम दिवस एक जुलाई को कार्यरत संख्या को स्वीकृत पद से घटाकर रिक्ति निकाली जानी चाहिए. चयन वर्ष के दौरान सेवानिवृत्त/ त्यागपत्र से रिक्त होने वाले पदों को भी रिक्तियों में शमिल किया जाना चाहिए.