
बंद मार्गों को खोलने के लिए एआईएस मॉडल जीपीएस तकनीक स्थापित की गई है, इसकी सहायता से मशीनों की ट्रैकिंग की जा सकती है।
उत्तराखंड में बारिश परेशानी का सबब बनी हुई है। आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के तहत 71 और पीएमजीएसवाई के तहत 86 मार्ग बंद हुए हैं। जिन्हें विभागीय एवं निजी मशीनों के जरिये खोलने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक बंद मार्गों को खोलने के लिए एआईएस मॉडल जीपीएस तकनीक स्थापित की गई है, इसकी सहायता से मशीनों की ट्रैकिंग की जा सकती है। लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड के तहत कुल 398 मशीनें बंद मार्गों को खोलने के लिए लगाई गई है। ऊर्जा विभाग के तहत राज्य के अधिकतर जिलों में विद्युत आपूर्ति सुचारु है, जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला में भारी बारिश की वजह से हुनेरा, खुमती, तालीकांड आदि गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित है।
इसके साथ ही चमोली जिले के गोपेश्वर में गैरपुल, तगासा, काथुर, डोकरी आदि गांवों में विद्युत आपूर्ति बाधित है। विद्युत आपूर्ति सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पेयजल निगम के तहत 65 योजनाओं में अतिवृष्टि एवं आपदा के कारण योजनाएं प्रभावित हुई। जिसे सुचारु कर दिया गया है।
उत्तरकाशी जाने के लिए लोगों को तय करना पड़ेगा 35 किमी अतिरिक्त सफर
लंबगांव-उत्तरकाशी मोटर मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया। महेड़ देवता मंदिर के समीप सड़क का लगभग 20 मीटर हिस्सा धंसकर जलकुर नदी में समा गया है। प्रतापनगर क्षेत्र के लोगों को उत्तरकाशी जाने के लिए अब 35 किमी का अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। लंबगांव, चमियाला से उत्तरकाशी जाने वाले वाहनों का आवागमन अब स्यालगी-भरपूर, बिजपुर-पनियाला मोटर मार्ग से हो रहा है।
बीती रात हुई बारिश के दौरान महेड़ देवता मंदिर के समीप लंबगांव-उत्तरकाशी मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा टूट गया। सड़क का लगभग 20 मीटर हिस्सा धंसकर जलकुर नदी में समा गया है। उक्त स्थान पर बिजली का पोल भी टूट गया है। बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त होने से रौणद रमोली क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से प्रतापनगर और चमियाला क्षेत्र के लोगों को उत्तरकाशी आनेजाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तरकाशी आनेजाने वालों वाहनों का संचालन स्यालगी-भरपूर, बिजपुर-पनियाला मोटर मार्ग से हो रहा है।
मार्ग से उत्तरकाशी पहुंचने के लिए प्रतापनगर और चमियाला क्षेत्र के लोगों को लगभग 35 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है जिसमें समय की बर्बादी के साथ ही लोगों को वाहनों से आवागमन करने के लिए अधिक किराया भुगतान करना पड़ रहा है। हालांकि लोनिवि ने क्षतिग्रस्त सड़क वाले स्थान से मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगा दी है लेकिन वहां ऊपर की ओर चट्टान होने के कारण लोनिवि को नए सिरे से सड़क तैयार करने में लंबा वक्त लग सकता है।