
नैनीताल न्यूज़: सुशीला तिवारी अस्पताल में सेंट्रल ऐसी प्लांट होने के बावजूद पौने दो सौ एसी संचालित हैं. इन एसी की स्थिति भी ठीक नहीं है. जहां इनकी मेंटीनेंश करने में अस्पताल प्रबंधन को परेशानी झेलनी पड़ती है, वहीं बिजली का अतिरिक्त लोड भी पड़ता है.
सुशीला तिवारी अस्पताल के करीब 40 से ज्यादा आईसीयू बेड व करीब आधा दर्जन से अधिक ओटी के अलावा, बर्न वार्ड, इमरजेंसी ओटी, केंद्रीय लैब सेंट्रेल एसी सिस्टम से जुड़ीं हैं. इसके अलावा अस्पताल में विभिन्न आईसीयू, एसएनसीयू, ट्रामा सेंटर, ऑफिस, ओटी में अलग से करीब 175 से ज्यादा एसी लगे हैं. जहां इन एसी को मेंटीनेंश करना मुश्किल होता है, वहीं इन ऐसी के संचालन में बिजली की भी भारी खपत हो रही है. लगातार काम करने के चलते इनकी क्षमता भी कम हो रही है. ऐसे में 300 टन के नए सेंट्रेल एसी सिस्टम की एसटीएच को सख्त आवश्यकता है. जानकारों का कहना है कि नए सेंट्रल एसी सिस्टम लगने से जहां बिजली की खपत कम होगी, वह मेंटीनेंश का खर्चा भी कम लगेगा. मामले में प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सेंट्रल एसी पुराना हो चुका है और उसकी क्षमता भी काफी कम है. इसके चलते पूर्व में ही ऑफिस, कुछ आईसीयू, एसएनसीयू व नए आईसीयू में अलग से एसी लगाए हैं.
ऑपरेशन थिएटर में एसी लगने शुरू
सेंट्रल एसी सिस्टम के काम नहीं करने का अस्पताल प्रबंधन ने फौरी हल निकालते हुए 10 एसी खरीद लिए हैं. जिन्हें सर्जरी, आई, ईएनटी विभाग के ऑपरेशन थिएटर में लगाना शुरू कर दिया. सेंट्रल एसी से जुड़े आईसीयू में भी एसी लगने हैं.
