पुलिस जांच में 16212 लोग मिले बिना सत्यापन, नैनीताल व यूएसनगर में सबसे ज्यादा
नैनीताल न्यूज़: सत्यापन को लेकर पुलिस प्रशासन कितना गंभीर है इसकी तस्दीक विभाग के ही आंकड़े कर रहे हैं. कुमाऊं के छह जिलों की बात करें तो यहां 16,212 लोग बिना सत्यापन रह रहे हैं. इनमें से 1557 लोग संदिग्ध हैं, जिनके पास पुलिस को कोई पहचान पत्र नहीं मिला. इनकी सबसे ज्यादा संख्या नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में है.
हल्द्वानी में बिना सत्यापन के किराये के घर में रह रही मानव तस्करी की सरगना तान्या शेख की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. आरोप लग रहे हैं कि पुलिस की सत्यापन कार्रवाई महज खानापूर्ति तक सीमित रहती है. अप्रैल से अब तक की बात करें तो पुलिस ने 16,212 किरायेदार चिह्नित किए हैं. इनमें फड़, रेहड़ी और छोटा व्यापार करने वाले लोग शामिल नहीं हैं. इनमें से डेढ़ हजार लोग अपनी पहचान ही नहीं बता पाए. सत्यापन में सबसे पीछे नैनीताल पुलिस है. यहां 4,723 बिना सत्यापन और 606 लोग संदिग्ध मिले हैं. इसके बाद ऊधमसिंह नगर में 644 लोग संदिग्ध मिले हैं. आंकड़ों पर आईजी ने नाराजगी जताई है.
बिना सत्यापन रह रहा था नंदी का हत्यारा
अधिकांश आपराधिक घटनाओं में बिना सत्यापन रहने वाले लोग शामिल रहते हैं. बीते दिनों हुई नंदी देवी की हत्या का आरोपी मनोज भी बिना सत्यापन के ही रह रहा था. मानव तस्करी की सरगना भी बिना सत्यापन के कमरे से नेटवर्क चला रही थी. कई अन्य ऐसे मामले भी हैं जिनमें बिना सत्यापन के रहे रहे अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए