उत्तराखंड

आरोपी के जीजा सहित 13 की हो चुकी गिरफ्तारी, रामनगर कोर्ट का कनिष्ठ सहायक पकड़ा

Admin4
3 Aug 2022 10:00 AM GMT
आरोपी के जीजा सहित 13 की हो चुकी गिरफ्तारी, रामनगर कोर्ट का कनिष्ठ सहायक पकड़ा
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला 

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में नैनीताल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में तैनात कनिष्ठ सहायक महेंद्र चौहान को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले मामले में पकड़ा गया मनोज जोशी उसका सगा जीजा है। उसी ने इस प्लान के बारे में कांडपाल को बताया था। इसके बाद उसे भी इस धांधली की सूझी थी।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में अब रामनगर कोर्ट के कनिष्ठ सहायक को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के माध्यम से पेपर खरीदा और फिर उसे हल कर अभ्यर्थियों को बेच दिया था। उसने सौदा कितने में किया और कितने लोगों को बेचा, एसटीएफ इसकी जानकारी जुटा रही है।

पेपर लीक के मामले में एसटीएफ ने सोमवार को नैनीताल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में तैनात कनिष्ठ सहायक महेंद्र चौहान को गिरफ्तार किया था। उससे जब पूछताछ की गई तो कई और नाम सामने आए। इन्हीं में से एक है हिमांशु कांडपाल, जो रामनगर (नैनीताल) कोर्ट में कनिष्ठ सहायक है। वह मूल रूप से ग्राम कांडागूट, दौलीनगर, ब्लॉक धौलादेवी, अल्मोड़ा का रहने वाला है। आरोपी से पूछताछ में पता चला कि वह महेंद्र चौहान का पुराना दोस्त है। दोनों की ज्वाइनिंग भी एक ही समय की बताई जा रही है।

इससे पहले पकड़ा गया मनोज जोशी उसका सगा जीजा है। उसी ने इस प्लान के बारे में कांडपाल को बताया था। इसके बाद उसे भी इस धांधली की सूझी थी। इसके लिए उसे मोटा लालच दिया गया था। उसने अपने दोस्त महेंद्र चौहान और दीपक शर्मा के साथ मिलकर एक गेस्ट हाउस में पेपर हल किया था। इसके बाद कई अभ्यर्थियों को बेचा। इनमें से तमाम अभ्यर्थी पास भी हुए हैं। उसे कितने पैसे मिले थे, इस बात की जांच की जा रही है। साथ ही उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।

अभ्यर्थी लगातार कर रहे हैं संपर्क

एसटीएफ की अपील के बाद परीक्षा में अनुचित साधनों के साथ बैठने वाले अभ्यर्थी लगातार संपर्क कर रहे हैं। वे अपनी गलती को स्वीकार कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि उन्हें किस तरह मदद मिल सकती है, लेकिन उनसे इस बारे में अब शपथपत्र लिए जा रहे हैं। वहीं, फेल हुए अभ्यर्थियों को एसटीएफ गवाह बनाना चाहती है। क्योंकि, जो लोग पास हुए हैं, वे भविष्य में कोई न कोई तिकड़म भिड़ाकर नियुक्ति पाने की कोशिश कर सकते हैं। पर, जो नकल करने के बाद भी फेल हुए हैं, उनकी गवाही अहम मानी जाएगी। उन्हें नियुक्ति का लालच भी नहीं होगा। इस मामले में अब तक 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। कई और लोग भी राडार पर हैं। एक-दूसरे से तार जुड़ रहे हैं। सभी लोग एक-दूसरे के संपर्क में थे। मामले की विवेचना जारी है। जल्द ही कुछ और खुलासे किए जा सकते हैं।


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