उत्तराखंड

चार घंटे में एक किमी दूरी में हटाए 10 पक्के अवैध निर्माण

Admin4
5 Nov 2022 6:49 PM GMT
चार घंटे में एक किमी दूरी में हटाए 10 पक्के अवैध निर्माण
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हल्द्वानी। नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार को वर्कशॉप लाइन से बनभूलपुरा थाने तक अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया।
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह व नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय पुलिस फोर्स के साथ शनिवार को दोपहर करीब 2:30 बजे वर्कशॉप लाइन पहुंचे। टीम ने सबसे पहले सड़क पर सामान रखने वालों का सामान जब्त करना शुरू किया। इससे व्यापारियों में खलबली मच गई। आनन फानन में उन्होंने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया। इस बीच प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष योगेश शर्मा व्यापारियों के साथ पहुंच गए। उन्होंने टीम का विरोध किया और व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए मोहलत मांगी। लेकिन टीम भी कार्रवाई के लिए अड़ी रही। इसको लेकर बहस भी हुई।
इधर, टीम ने सड़क पर लगी फड़-ठेलों की जब्ती शुरू की। इसके बाद टीम ने सड़क पर दोपहिया वाहनों को खड़ा रिपेयरिंग करने वालों की चालानी कार्रवाई की और सबक सिखाने के लिहाज से कई बाइकें सीज की गईं। इसके बाद टीम ने नालियों पर बने पक्के निर्माण के खिलाफ अभियान चलाया। रोडवेज के पास नाले व सड़क पर हुए पक्के निर्माण पर नगर निगम की जेसीबी गरजी। टीम ने वर्कशॉप लाइन से बनभूलपुरा थाने के सामने तकरीबन एक किमी दूरी में नालियों व सड़कों पर बने 10 पक्के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया।
इस दौरान टीम की व्यापारियों से कहासुनी भी हुई। टीम ने अतिक्रमण, गंदगी व नहर में कूड़ा फेंकने पर 30 कारोबारियों का चालान किया। साथ ही भविष्य में सड़क व नाली पर अतिक्रमण नहीं करने की हिदायत दी। इस दौरान कोतवाल हरेंद्र चौधरी, सहायक नगर आयुक्त गौरव भसीन आदि मौजूद थे।
वर्कशॉप लाइन का जिम्मा नगर निगम व पुलिस को सौंपा गया है। यदि सड़क पर दोपहिया व चौपहिया वाहन खड़े करके मरम्मत करते पकड़े गए तो व्यापारियों के चालान के साथ ही वाहनों की सीज की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नगर निगम की टीम नियमित तौर से गश्त करेगी।
वर्कशॉप लाइन में वन विभाग के हल्द्वानी वन डिवीजन के डीएफओ का कार्यालय आवास और तराई केंद्रीय वन डिवीजन के डीएफओ का शिविर कार्यालय है। हालत यह है कि बाइक रिपेयरिंग करने वाले सड़क तो छोड़िए वन विभाग के परिसर और गेट के बाहर बाइक रिपेयरिंग करते हैं। ऐसे में वन अधिकारियों को परेशानी होती है इसलिए उन्होंने तराई केंद्रीय के आवास को जाने वाले गेट को ही बंद कर दिया है। फिर भी अतिक्रमणकारी बाज नहीं आए।

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