उत्तराखंड

₹35.89 लाख बरामद! UKSSSC पेपर लीक मामले में कुमाऊं एसपी के गनर सहित दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

Gulabi Jagat
31 July 2022 10:05 AM GMT
₹35.89 लाख बरामद! UKSSSC पेपर लीक मामले में कुमाऊं एसपी के गनर सहित दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार
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₹35.89 लाख बरामद
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कुमाऊं एसपी के गनर सहित दो पुलिस जवानों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने ₹35.89 लाख की नकदी भी बरामद की है. बता दें, ईटीवी भारत की खबर पर एक बार फिर मुहर लगी है. ईटीवी भारत ने एक दिन पहले ही बता दिया था कि 24 घंटे के अंदर इस मामले में बड़ा खुलासा हो सकता है.
बता दें, उत्तराखंड एसटीएफ ने कुमाऊं में बीते 24 घंटे में ताबड़तोड़ दबिश दी है और एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए देहरादून लेकर आई. रात भर चली गहन पूछताछ और साक्ष्य की कड़ी जोड़ने में एसटीएफ टीम को सफलता मिली है. पूछताछ के बाद पुलिस ने पुलिसकर्मी दीपक शर्मा और अमरीश गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से पुलिस ने परीक्षा लीक से जुटाए 35.89 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं.
लखनऊ से जुड़े हैं तार: STF की पूरी टीम एक के बाद एक कड़ियों को जोड़ कर गिरफ्तारियां और महत्वपूर्ण साक्ष्य-सबूत जुटा रही है. जांच में सामने आया है कि गढ़वाल से लखनऊ और फिर कुमाऊं तक इस घपलेबाजी के तार जुड़े हैं. अब तक की STF जांच-पड़ताल में मिले ऐसे कई अहम एविडेंस एक बड़े खुलासे की तरफ जा रहे हैं. अबतक का घटनाक्रम: अबतक की जांच में उत्तराखंड एसटीएफ ने कई अहम सबूत जुटाए हैं. गूगल सर्च हिस्ट्री ने UKSSSC परीक्षा परीक्षा पेपर लीक से संबंधित कई अहम राज खोले हैं. बताया जा रहा है कि एग्जाम से पहली रात को पेपर सॉल्व किए गए थे. पेपर लीक कर परिणाम गड़बड़ी मामले में अब तक लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सहित 9 लोग STF ने गिरफ्तार किए हैं, जिसमें जयजीत दास, मनोज जोशी (एक ही नाम के दो व्यक्ति हैं), कुलवीर सिंह चौहान, शूरवीर सिंह चौहान, गौरव नेगी, दीपक चौहान, भावेश जगूड़ी और अभिषेक वर्मा (लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस).
देहरादून में सेलाकुई स्थित HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी में संविदा पर कनिष्क सहायक के पद पर कार्यरत गिरफ्तार आरोपी दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी ने बताया है कि वो UKSSSC परीक्षा के पेपर सॉल्व कराने में मदद करते थे. इसके साथ ही ये दोनों शातिर नकल कराने के भी मास्टर थे. ये दोनों आरोपी एग्जाम से एक रात पहले देहरादून पहुंचे थे, जहां इन्होंने एक गुप्त स्थान पर जाकर पेपर लीक करने वालों के साथ मिलकर अगले दिन आने वाले परीक्षा प्रश्न पत्र को सॉल्व किया और नकल की सामग्री भी उपलब्ध कराई.
दरअसल, मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के कुछ काम लखनऊ स्थित आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसके चलते अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में कार्यरत जयजीत ने सेलाकुई यूनिवर्सिटी में संविदा कर्मी दीपक और भावेश से मुलाकात हुई. इसके बाद आयोग कर्मी जयजीत ने लखनऊ प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अभिषेक वर्मा की मुलाकात दीपक व भावेश से करवाई.
यही कारण था कि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करने वाले अभिषेक ने 36 लाख रुपए लेकर दीपक और भावेश तक पेपर लीक और एग्जाम पेपर सॉल्व का ताना-बाना बुना. STF जांच के अनुसार दीपक व भावेश ने अभिषेक को लाखों रुपये एकत्र कर पेपर लिया और UKSSSC में परीक्षा दी थी, जिसमें भावेश का 157वीं मेरिट में रैंक आयी, जबकि दीपक फेल हो गया था.
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