उत्तर प्रदेश

अलर्ट! जीका वायरस का प्रकोप जारी, 30 नए मरीजों की पुष्टि

jantaserishta.com
5 Nov 2021 7:21 AM GMT
अलर्ट! जीका वायरस का प्रकोप जारी, 30 नए मरीजों की पुष्टि
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दीपावली से पहले ही जीका वायरस (Zika virus in Kanpur) ने कानपुर में बड़ा ‘विस्फोट’ कर दिया है.

कानपुर. दीपावली से पहले ही जीका वायरस (Zika virus in Kanpur) ने कानपुर में बड़ा 'विस्फोट' कर दिया है. अब तक के सबसे अधिक 30 संक्रमित मिले हैं. चकेरी क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन से भेजे गए सैंपल में जीका वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है. नए संक्रमितों में 10 महिलाएं और 20 पुरुष हैं. इसके साथ ही जीका संक्रमितों की कुल संख्या 66 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग ने चकेरी क्षेत्र के जीका प्रभावित मोहल्ले हरजेंदर नगर, एयरफोर्स परिसर, पोखरपुर, लालकुर्ती, मोतीनगर, अशरफाबाद, आदर्शनगर आदि से सैंपल भेजे थे. सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह ने बताया कि 30 व्यक्तियों की रिपोर्ट जीका पॉजिटिव आई है. इनमें 10 महिलाएं हैं. वहीं जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने जीका वायरस के रोकथाम के लिए नोडल ऑफिसर भी बनाए हैं जो इसकी मॉनिटरिंग कर केस हिस्ट्री को पता लगा रहे है.

जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर ने शुक्रवार को बताया कि कानपुर में 30 और लोगों में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में जीका वायरस के संक्रमण का पहला मामला पिछली 23 अक्टूबर को सामने आया था जब भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी इसकी चपेट में आए. तब से अब तक यह संख्या बढ़कर 66 हो गयी है. वायुसेना केन्द्र के आसपास के इलाकों में लोगों के नमूने एकत्र किये गये थे, जिन्हें जांच के लिये लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय भेजा गया था.
अय्यर ने बताया कि जीका वायरस से संक्रमित लोगों में 45 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल हैं. यह वायरस मच्छरों से फैलता है. मच्छरों के नाश के लिये अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम बुखार के मरीजों और गम्भीर रूप से बीमार लोगों को चिह्नित कर उनका इलाज कर रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निगरानी और वायरस की जांच के लिये घर-घर जाकर नमूने लेना सुनिश्चित करने के आदेश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जीका वायरस का प्रकोप फैलने से रोकने के लिये त्वरित और प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिये हैं.
जीका वायरस हवा और रोगी को छूने, उसके पास उठने-बैठने से नहीं फैलता है. अगर मच्छर रोगी को काटने के बाद दूसरे व्यक्ति को काटेगा तभी संक्रमण होता है. इसके अलावा जीका जानलेवा भी नहीं है. 60 फीसदी लोगों को तो पता ही नहीं चलता कि संक्रमण हुआ है. वायरल लोड बढ़ने पर ही लक्षण उभरते हैं. जो पहले से किसी गंभीर रोग की गिरफ्त में हैं, तो अन्य वायरल संक्रमणों की तरह जीका भी पुराने रोग की जटिलताएं बढ़ा देगा. इसमें बुखार वाली दवाएं ही चलती हैं. रोगी सात दिन से 14 दिन के अंदर ठीक हो जाता है.
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