उत्तर प्रदेश

फतेहपुर जिले में जीका वायरस का दस्तक, प्रशासन अलर्ट

Gulabi
27 Nov 2021 7:01 AM GMT
फतेहपुर जिले में जीका वायरस का दस्तक, प्रशासन अलर्ट
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जिला प्रशासन ने किया गांव का दौरा
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर, लखनऊ, कन्नौज के बाद अब फतेहपुर जिले (Fatehpur district) में जीका वायरस (Zika Virus) ने दस्तक दी है. जिसके बाद जिला प्रशासन एक्टिव हो गया है. क्योंकि राज्य में फतेहपुर चौथा जिला है, जहां जीका वायरस मिला है. जानकारी के मुातबिक जिले के तेलीबांधा प्रखंड के त्रिलोकीपुर गांव में जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है और इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जिले में 35 वर्षीय युवक राम प्रताप सिंह की जांच रिपोर्ट में जीका वायरस की पुष्टि हुई है.
वहीं जानकारी के मुताबिक जीका वायरस का मामला सामने आने के बाद डीएम अपूर्वा दुबे और सीएमओ राजेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ त्रिलोकीपुर गांव का दौरा किया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जीका वायरस से पीड़ित मरीज के परिजनों समेत 21 लोगों के सैंपल लिए हैं और बताया जा रहा है कि जीका से पीड़ित मरीज सामान्य है और उसकी स्थिति ठीक है. लेकिन जीका वायरस की पुष्टि के बाद उसे परिवार के अन्य लोगों से अलग कर दिया गया है. वहीं जिले के सीएमओ डॉ राजेंद्र सिंह ने बताया कि शहर से सटे तेलियानी प्रखंड के त्रिलोकीपुर गांव निवासी 35 वर्षीय राम प्रताप को लंबे समय से बुखार आ रहा था और वह इलाज के लिए जिला अस्पताल के ओपीडी पहुंचे थे.
जिला प्रशासन ने किया गांव का दौरा
जहां डॉक्टरों ने राम प्रताप का सैंपल लेकर उसे जांच के लिए लखनऊ भेजा था और शुक्रवार को जांच रिपोर्ट आई तो उसमें जीका वायरस की पुष्टि हुई है. सिंह ने कहा, रिपोर्ट आने के तुरंत बाद डीएम की अगुवाई में त्रिलोकीपुर गांव का दौरा किया गया और प्रशासन द्वारा चार नोडल अधिकारी बनाए गए हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे, जांच, मेडिकल कैंप और मलेरिया की चार टीमें भी बनाई गई हैं.
290 घरों का किया गया है सर्वे
सीएमओ का कहा है कि सर्विलांस टीम ने शुक्रवार को 82 घरों का डोर-टू-डोर सर्वे किया है और इलाके में बचे 290 घरों का शनिवार को सर्वे किया जाएगा. सैंपलिंग टीम ने मरीज के परिजनों समेत 21 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजे हैं. ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि संक्रमित से ये वायरस अन्य लोगों तक नहीं फैला है. वहीं गांव में चिकित्सा शिविर लगाकर बुखार से पीड़ित मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं.
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